Gurmeet Singh Khudian
कपास की फसल पर कीटों के हमलों, खासकर पिंक बॉलवर्म और व्हाइटफ्लाई के हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अगली पीढ़ी के बीजी-3 कपास बीज के अनुसंधान और स्वीकृति में तेजी लाने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की मांग की।
पंजाब के कृषि मंत्री ने कृषि भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और कहा कि वर्तमान पीढ़ी के बीजी-2 कपास को कीटों से बचाने के लिए उन्नत बीज की जरूरत है।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस दौरान शिवराज सिंह चौहान को राज्य कृषि सांख्यिकी प्राधिकरण (एसएएसए) को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया क्योंकि यह प्राधिकरण राज्य में कृषि क्षेत्र में योजना, निगरानी, मूल्यांकन, अनुसंधान और विकास को मजबूत करेगा।
पंजाब के कृषि मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना के कार्यान्वयन, आरकेवीवाई के तहत धनराशि जारी करने, धान की पराली के प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन, उर्वरकों की निरंतर आपूर्ति और गेहूं बीज प्रतिस्थापन योजना पर सब्सिडी के बारे में भी बताया।
श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने सीआरएम योजना के बारे में राज्य की प्रमुख चिंता को उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में सीआरएम योजना के वित्तपोषण पैटर्न को 60:40 (केंद्र:राज्य) कर दिया है, जो पहले 100 प्रतिशत था।
उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पंजाब के योगदान को ध्यान में रखते हुए सीआरएम योजना के लिए 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण को बहाल करने का आग्रह किया।
उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन पर अतिरिक्त खर्च के एवज में किसानों को प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की।
पंजाब के मंत्री ने चौहान के ध्यान में यह भी लाया कि रबी सीजन के दौरान आमतौर पर फॉस्फेटिक उर्वरकों की कमी होती है, और उनसे इस सीजन में फॉस्फेटिक उर्वरकों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की अपील की।
इसके अलावा, श्री खुदियां ने कहा कि आईसीएआर की नीति के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) योजना के तहत प्रति वर्ष लगभग 20 करोड़ रुपये निवेश किए जाते हैं, जो बीज बदलने में 33 प्रतिशत का योगदान देते हैं।
पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने गेहूं के बीज पर मदद बंद कर दी है, लेकिन इसे देश की बढ़ती जनसंख्या को खिलाने के व्यापक हित में जारी रखना चाहिए। विशेष मुख्य सचिव कृषि केएपी सिन्हा, निदेशक कृषि जसवंत सिंह और मंत्रालय और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।