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UP News: योगी सरकार ने एसटी वर्ग को मुख्यधारा में शामिल करने की योजना बनाई, उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को नामांकित किया गया

UP News: यूपी की योगी सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के चौमुखी विकास की खास योजना बनाई है। इसके लिए राज्य के जनजातीय गांव बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। इसके लिए राज्य के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक और 517 गांवों का नामांकन किया गया है।

UP News: यूपी की योगी सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के चौमुखी विकास की खास योजना बनाई है। इसके लिए राज्य के जनजातीय गांव बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। इसके लिए राज्य के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक और 517 गांवों का नामांकन किया गया है। 50 प्रतिशत जनजातीय गांवों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इन गांवों में जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभाग मिलकर काम करेंगे। जनजातीय ग्रामीण क्षेत्रों में बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर बनाया जाएगा। जनजातीय समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का योगी सरकार यह कदम अहम माना जा रहा है।

प्रदेश के समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री असीम अरूण ने बताया कि योगी सरकार, अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए चलाए जा रहे धरती आबा जनजातीय गाम उत्कर्ष अभियान के तहत सभी जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता के विकास और स्वरोजगार के अवसरों को प्रदान कर रही है। इसके लिए प्रदेश के में 500 या उससे अधिक जनसंख्या के गांव जिसमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या हो, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

उनका कहना था कि इस अभियान के तहत प्रदेश के 47 ब्लाक और 517 गांवों (अम्बेडकर नगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर और सोनभद्र के 47 ब्लाक व 517 गांवों को इस अभियान के तहत विभिन्न योजना के लाभ के लिए चिन्हित किया गया है।

सभी चिन्हित गांव बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे

योगी सरकार ने सूचीबद्ध गांवों में सड़क, पानी और बिजली की बुनियादी सेवाओं को बढ़ाया जाएगा। सभी जनजातीय परिवारों को पक्का घर मिलेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उनके गांवों में अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMU) बनाए जाएंगे।

इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे, जिससे जनजातीय परिवारों को उनकी अपनी कला, संस्कृति, चित्रकारी, वनोपज संग्रहण, शहद, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, महुआ से तैयार उत्पादों, जड़ी-बूटी से प्राकृतिक उपचार ज्ञान कौशल की बेहतर मार्केटिंग हो सकें और जनजातियों की उन्हीं के गांव में ही आमदनी बढ़ाई जा सके। इससे जनजातियां पलायन भी नहीं करेंगी।

जनजाति विकास विभाग के साथ मिलकर 17 अन्य विभाग काम करेंगे

समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” को लागू करने के लिए जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभागों (जलापूर्ति, विद्युत, ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, आयुष, दूरसंचार, व्यवसायिक एवं कौशल शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, मत्स्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायती राज विभाग तथा पर्यटन विभाग मिलकर कार्य कर रहें है।

उनका कहना था कि जनजाति विकास विभाग इस योजना के अंतर्गत एक बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर बनाएगा। जनजाति उत्पादों का संकलन, प्रसंस्करण और विपणन इन सेन्टरों में किया जाएगा। इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों और छात्रावासों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों को अतिरिक्त मूलभूत सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता भी योजना के तहत दी जाएगी।

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ समग्र राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केंद्र सरकार के समग्र विकास के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदायों को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य की योजना तैयार की गई है। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जो समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा।

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