- केजरीवाल ने नवनिर्वाचित सरपंचों से कहा, गांवों में विकास कार्यों के लिए पारदर्शिता और धन का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभाएं आयोजित करें
- स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी पंचायत चुनावों के लिए पंजाब को बधाई दी
- सरपंचों से बिना किसी पक्षपात के निष्पक्षता से अपना कर्तव्य निभाने की अपील की
- नवनिर्वाचित सरपंचों से गांवों को नशा मुक्त बनाने का आह्वान किया
- पंचायतों को लोकतंत्र की नींव बताया
- सरपंचों से गांवों से गुटबाजी खत्म करने का आग्रह
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने शुक्रवार को राज्य के नवनिर्वाचित सरपंचों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने गांवों में ग्राम पंचायतें आयोजित करें, ताकि विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर निर्णय जनता के सामने हो।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘सार्वजनिक धन का जनता के कल्याण और गांवों के समग्र विकास के लिए अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना जरूरी है।’’ वह एक राज्य स्तरीय समारोह के मुख्य अतिथि थे जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य भर से 10031 नवनिर्वाचित सरपंचों को पद की शपथ दिलाई।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास से जुड़े फैसले ग्राम सभाओं में लिए जाने चाहिए ताकि फंड का सही इस्तेमाल हो सके। उन्होंने कहा कि अगर सरपंच अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं तो वे आम आदमी और अपने गांवों की तकदीर बदल सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार हर नेक काम के लिए सरपंचों को पूरा सहयोग देगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने पंजाब से नशे की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए सरपंचों का आह्वान किया और कहा कि सरपंचों की सक्रिय भूमिका से पंजाब जल्द ही नशा मुक्त राज्य बन जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पंजाब पुलिस इस नेक काम के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक काम में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरपंचों की बड़ी भूमिका है और उन्हें अपना कर्तव्य प्रभावी ढंग से निभाना चाहिए।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने पंजाबियों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिए बधाई देते हुए समारोह में आए सभी सरपंचों का स्वागत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि शपथ लेने के बाद ये सरपंच अपने गांवों को विकास के पथ पर ले जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि करीब 3000 पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गई हैं, जिससे गांवों के विकास को गति मिलेगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों को अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए और अपने गांवों को मॉडल वन में बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरपंचों को गांवों की भलाई के लिए ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने सरपंचों से कहा कि वे ग्रामीणों से उचित परामर्श के बाद ही कोई निर्णय लें। उन्होंने कहा कि सरपंच गांवों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस दौरान अपने संबोधन में पंजाब के मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों को इस प्रतिष्ठित पद पर चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में 13147 नई पंचायतें चुनी गई हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज के राज्य स्तरीय समारोह में पंजाब के 19 जिलों के 10031 सरपंचों को शपथ दिलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष चार जिलों श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, बरनाला और गुरदासपुर के नवनिर्वाचित सरपंचों तथा 23 जिलों के 81,808 नवनिर्वाचित पंचों का शपथ ग्रहण समारोह चार विधान सभा हलकों गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला और डेरा बाबा नानक के उपचुनाव के बाद होगा। उन्होंने सर्वसम्मति से पंचायतें चुनने वाले गांवों का आभार व्यक्त किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन गांवों ने संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से अपने सरपंचों का चुनाव किया है, जिससे एक तरफ जहां गांवों में सद्भावना और भाईचारे की भावना मजबूत हुई है, वहीं दूसरी तरफ गांवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि राज्य में 3037 गांवों की पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गईं और फिरोजपुर जिले ने 336 पंचायतों का सर्वसम्मति से चयन करके पहला स्थान प्राप्त किया, उसके बाद गुरदासपुर (335) और तरनतारन (334) का स्थान रहा। उन्होंने कहा कि पंजाब के समझदार मतदाताओं ने सभी सरपंचों को बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और उन्हें इसे पूरी लगन से निभाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह राज्य के मतदाताओं के आभारी हैं जिन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से इन चुनावों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों को लोकतंत्र की नींव कहा जाता है क्योंकि उनके पास अपार शक्ति होती है और उनके फैसलों का पूरा गांव सम्मानपूर्वक पालन करता है। उन्होंने कहा कि अब जब राज्य के लोगों ने सरपंचों को यह शक्ति दे दी है तो उनका यह कर्तव्य बनता है कि वे उनके हितों की रक्षा करें और उनकी आकांक्षाओं का ख्याल रखें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारे देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, जिसके कारण पंचायती राज संस्थाओं को लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संस्थाएं राज्य सरकार की जनहितैषी और विकासोन्मुखी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर पहुंचाने में उत्प्रेरक का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि नीतियां राज्य सरकार द्वारा बनाई जाती हैं और उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने में सरपंचों/पंचों की अहम भूमिका होती है। भगवंत सिंह मान ने सभी सरपंचों से आज से ही विकास कार्यों के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल, डिस्पेंसरी, पशु चिकित्सालय और सार्वजनिक महत्व के कई अन्य कार्य पहले से ही पंचायतों की सीधी निगरानी में हैं। इसी तरह गांवों के विकास से जुड़े विभिन्न कार्य भी पंचायतों के मार्गदर्शन में किए जाते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को इन कार्यों और सेवाओं की समर्पित तरीके से निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों को स्पष्ट आह्वान किया कि वे इन कार्यों में किसी भी तरह की अनुचित दखलंदाजी से दूर रहें। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांवों में गुटबाजी के कारण कई काम अधर में लटके हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को गांवों में गुटबाजी को खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जो व्यक्ति या पार्टी बहुमत प्राप्त करती है, वही विजयी होती है, लेकिन एक बार सरपंच चुने जाने के बाद वह पूरे गांव का होता है। उन्होंने कहा कि सरपंच को गांव के हर निवासी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और निष्पक्षता से निर्णय लेना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांव के कई ऐसे सरपंच हैं, जिन्होंने अपनी समझदारी और दूरदर्शिता से अपने गांवों की कायापलट की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांव में एन.आर.आई. का हर तीसरा घर और सरपंच आगे आएं और एन.आर.आई. के साथ तालमेल बिठाकर यह सुनिश्चित करें कि वे गांवों के विकास में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि सरपंचों को भी अपने गांवों को नशा मुक्त बनाने पर विशेष जोर देना चाहिए ताकि युवाओं को नशे की बुराई से दूर रखा जा सके। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि सरपंचों को गांवों में सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में विकास और खुशहाली की गति को और तेज करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार गांवों के समग्र विकास और तरक्की के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक काम में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंच सरकार और गांवों के बीच पुल का काम करते हैं और आपको गांवों के विकास में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों को भरोसा दिलाया कि गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने सरपंचों से कहा कि वे अपने गांवों के विकास कार्यों को प्राथमिकता दें ताकि राज्य सरकार उन पर काम शुरू करवा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंचायतों को गांवों के समग्र विकास के लिए प्रस्ताव पारित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि वे रचनात्मक मुहिम शुरू करके राज्य के गांवों को बदलने में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि हम रंगला पंजाब बना सकें। उन्होंने सरपंचों से गांवों को साफ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने को कहा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचा उनकी सरकार की शीर्ष पांच प्राथमिकताएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पारदर्शी तरीके से राज्य के युवाओं को 45000 से अधिक नौकरियाँ दी हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के ठोस प्रयासों से राज्य के 90% घरों को मुफ़्त बिजली मिल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने टाटा स्टील और अन्य जैसे कई शीर्ष उद्योगपतियों को शामिल किया है जो स्थानीय युवाओं को नौकरियाँ प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पिछली सरकारों ने राज्य और देश की संपत्ति लूटी, वहीं आप सरकार केवल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोगों को एक नई राह दिखाई है और राज्य सरकार लोगों के लाभ के लिए उनके विजन के अनुसार काम कर रही है। भगवंत सिंह मान ने लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार राज्य की तरक्की और लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।