स्वास्थ्य

Pain Less Vaccine: पेनलेस वैक्सीन क्या होती हैं, कैसे फायदा मिलता है इनको लगवाने से?

Pain Less Vaccine: 24 अप्रैल से 30 अप्रैल तक विश्व टीकाकरण सप्ताह होगा। इसका उद्देश्य जनता को वैक्सीनेशन के बारे में जागरूक करना है। वैक्सीन भी दो प्रकार की होती है। एक जिनमें दर्द होता है और दूसरी पेनलेस ( बिना दर्द वाली)। इनके बारे में जानते हैं

Pain Less Vaccine: बच्चे होने या बड़ी टीका लगवाने के बाद दर्द होता ही है। इसका कारण यह है कि टीका लगने के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम काम करने लगता है। वह अपनी प्रतिक्रिया शुरू कर देता है। टीका लगने पर कुछ देर दर्द या सूजन हो सकता है। ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लगने से दर्द होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ वैक्सीन ऐसी होती है जिनको लगने के बाद नाममात्र का ही दर्द होता है. इनको पेनलेस वैक्सीन कहते हैं।

पेनलेस वैक्सीन दर्द को कम करने के लिए अलग-अलग तकनीकों का उपयोग करता है।इंजेक्शन के दौरान और बाद में दर्द को कम करने वाले तत्व हैं। दर्द कम करने वाले जेल या क्रीम स्किन पर लगाए जाते हैं, इससे दर्द कम होता है। इन वैक्सीन में माइक्रोनेडल्स का उपयोग किया जाता है, जो स्किन में गहराई से नहीं जाते और दर्द को कम करते हैं।

पेनलेस वैक्सीन का क्या लाभ है?

दर्द को कम करना

बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ

जिनको टीके से डर लगता है वह लगवा सकते हैं

सभी जरूरी वैक्सीन लग जाती हैं

पेनलेस या नॉर्मल टीका कौन सा बेहतर है?

डॉ विनय राज, दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में टीकाकरण अधिकारी, कहते हैं कि छोटे बच्चों के लिए पेनलेस वैक्सीन अधिक लाभदायक है, लेकिन यह हर जगह उपलब्ध नहीं है। कुछ लोगों का विचार है कि पेनलेस वैक्सीन कम प्रभावी है। यद्यपि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, सभी टीके समान हैं।

पेनलेस वैक्सीन में भी सुईं तो होती ही है. इसलिए हल्का दर्द होता ही है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि टीका लगने से ज्यादा दर्द होगा और डर भी है तो पेनलेस लगवाने में कोई समस्या नहीं है।

कीमत काफी अधिक है

डॉ. राज ने बताया कि सभी अस्पतालों में पेनलेस वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ये केवल निजी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। इसकी कीमत भी छह से बारह हजार होती है। यह अस्पताल पर निर्भर करता है। चूंकि एक टीके की ही इतनी कीमत होती है तो हर कोई इसको लगवाता भी नहीं है। कुछ मामलों में छोटे बच्चों के माता-पिता इन टीकों को उनको लगवाते हैं. लेकिन अधिक दाम के कारण इनको लगवाने वालों की संख्या कम ही है।

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