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 CM Yogi Adityanath सपा के सबसे मजबूत ‘जाल’ को काट रहे, पीडीए की नई परिभाषा से यूं साध रहे पिछड़ा-दलित वोट बैंक

 CM Yogi Adityanath ने समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत हथियार पीडीए पर करारा हमला कर उसे मुस्लिम बनाम पिछड़ा बनाने की कोशिश की है.

 CM Yogi Adityanath News: हाल ही में उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा उपचुनावों में नए-नए नारा और पोस्टर युद्ध का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नए शब्दों से विपक्ष के पीडीए प्रणाली पर हमला कर रहे हैं। पहले बंटोगे तो कटोगे, फिर AMU में आरक्षण और अब पीडीए की नई परिभाषा से सपा कांग्रेस और बसपा असहज हैं। वास्तव में, मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के खिलाफ दलितों और पिछड़ों को एकजुट करने की कोशिश की है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार विपक्ष के सबसे मजबूत दांव पर हमला करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कटेहरी, फूलपुर और मझवां में तीन जनसभाओं को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने पीडीए की नई व्याख्या भी दी। उनका दावा था कि पीडीए का अर्थ है “प्रोडक्शन हाउस ऑफ़ दंगाई एंड अपराधी”। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस उत्पादन भवन में सपा के सीईओ अखिलेश यादव और ट्रेनर शिवपाल यादव हैं। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में कोई माफिया नहीं है जो समाजवादी पार्टी का शागिर्द नहीं रहा है। वह चाहे प्रयागराज का अतीक अहमद, गाजीपुर का प्रमुख अंसारी या अम्बेडकरनगर का खान मुबारक हो। ये सभी सपा के प्रॉडक्शन हाउस की ही उपज रहे हैं।

पिछड़ों और दलितों को एकजुट कर रहे

पीडीए की मदद से समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में यूपी में 37 सीटें जीत कर देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। वहीं बीजेपी को चुनावों में 29 सीटें खो दीं। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव के पीडीए के दलितों और पिछड़ों को मुसलमानों के खिलाफ एकजुट करने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि वे राजू पल हत्याकांड का भी उल्लेख करते हैं जब वे अपराधियों की बात करते हैं और उसे सपा के “प्रोडक्शन हाउस ऑफ़ दंगाई एंड अपराधी” बताते हैं। उनका मैसेज साफ़ है कि राजू पाल यानी एक दलित विधायक की हत्या अतीक अहमद ने की।

पीडीए को मुस्लिम परस्त बताया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव के पीडीए को मुस्लिम परस्त और दलित पिछड़ा विरोधी बताने में जुटे हैं. पूरी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री हर राउंड में कुछ नया लेकर आ रहे हैं. अलीगढ़ पहुंचने पर वे AMU में आरक्षण का मुद्दा उठाते है और कहते हैं कि सरकार के टैक्स से संचालित यूनिवर्सिटी में पिछड़ों और दलितों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा. यहां मुसलमानों को 50 फीसदी आरक्षण मिल रहा है जो संविदान के खिलाफ है. यह ऐसी स्थिति है, जिससे न केवल सपा, कांग्रेस बल्कि बसपा भी असहज है.क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस चाल की काट विपक्ष अभी भी तलाश रहा है. इसके खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी हिंदुत्व पर हमले के तौर पर देखी जाएगी.

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