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Devendra Yadav: कांग्रेस ने बढ़ी हुई बिजली दरों पर केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए क्या कहा?

Devendra Yadav ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने बीजेपी के साथ AAP की मिलीभगत का भी आरोप लगाया।

Devendra Yadav: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का कैग ऑडिट कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि डीईआरसी की सांठगांठ से बिजली कंपनियां दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं के बिलों पर कई तरह के सेस लगा रही हैं, जिससे वे हर साल अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। उनका कहना था कि पीपीएसी में 9 प्रतिशत की वृद्धि के बाद बिलों पर 46 प्रतिशत पीपीएसी वसूला जाएगा, जो 2015 में सिर्फ 1.7 प्रतिशत था।

Devendra Yadav ने कहा कि हर वर्ष पीपीएसी सेस में बढ़ोत्तरी जायज है क्योंकि पेंशन बिल पर 7 प्रतिशत चार्ज लगाया जा रहा है और फिक्स चार्ज, सरचार्ज और बिजली रेगुलेटरी जैसे अतिरिक्त चार्ज भी वसूले जा रहे हैं।

“बिजली हाफ-पानी माफ” का वादा झूठा’ है

देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का  ‘बिजली हाफ-पानी माफ’ का वादा झूठा साबित हुआ। जहां बिजली का दोगुना खर्च करना पड़ रहा है, वहीं बिल देने के बावजूद गंदा पानी मिल रहा है। उनका कहना था कि पिछले दस वर्षों में मुफ्त बिजली देने के नाम पर आम लोगों को धोखा दिया गया है क्योंकि 200 यूनिट की सब्सिडी केवल 10 प्रतिशत तक ही मिल रही है।

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2015 से 2020-21  तक 6 वर्षों में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट में 11743 करोड़ सब्सिडी की छूट दी गई, जबकि सरकार ने पीपीएसी, पेन्शन, फिक्स चार्ज, सरचार्ज, बिजली रेगुलेटरी चार्ज सहित बिलों पर 37227 करोड़ की लूट की है।

‘बिजली दरों के इस भ्रष्टाचार में भी BJP शामिल है।’

देवेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि वे कांग्रेस सरकार के दौरान लगातार बिजली कंपनियों का केग द्वारा ऑडिट कराने की मांग करते थे। लेकिन दिल्ली की सत्ता में आने के बाद एक बार भी उन्होंने डीईआरसी को बिजली कंपनियों का ऑडिट कराने के आदेश नही दिए.

हालाँकि, उन्होंने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से तीन निजी विद्युत वितरण कंपनियों के वित्तीय विवरणों की जांच करने का वादा किया था। उन्हें बीजेपी पर शराब घोटाले में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाते हुए बिजली दरों के भ्रष्टाचार में दोनों की मिलीभगत का अंदेशा जताया। उनका कहना है कि बीजेपी ने विधानसभा सत्र में बहस कराने की मांग की है, लेकिन अभी तक बिजली दरों में बढ़ती दरों की जांच नहीं की गई है।

‘10 रुपये प्रति यूनिट का बिजली बिल’

देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल डिस्कॉम और विद्युत कंपनियों के खातों का कैग ऑडिट कराने की जगह विद्युत वितरण कंपनियों को मनमानी तरीके से पीपीएसी में बढ़ोतरी करके उन पर आर्थिक दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय बिजली दर औसतन 5 रुपये प्रति यूनिट थी, जो अब 2.50 होना चाहिए था, जैसा कि हाफ बिल ने वादा किया था। लेकिन केजरीवाल सरकार बिजली के बिल औसतन 10 रुपए प्रति यूनिट वसूल रही है।

“बिजली दरों में बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने की मांग”

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली कंपनियों को खुली छूट देने के बाद मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदार, लघु उघोग, औद्योगिक इकाइयों और व्यवसायिक संस्थानों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि केजरीवाल सरकार डीईआरसी को तत्काल आदेश दे कि बिजली कंपनियां बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को वापस ले।अगर ऐसा नहीं होता, तो कांग्रेस पार्टी प्रत्येक ब्लॉक में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी।

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