Tirupati Balaji Mandir के तीन रहस्य जो आज भी अनसुलझे हैं, देखकर भक्त हैरान रह जाते हैं 

Tirupati Balaji Mandir: दक्षिण भारत में तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ के कारण कुछ लोगों की मौत एक बार फिर चर्चा में है। तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के क्या नियम हैं?

Tirupati Balaji Mandir: आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर भारत ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां भगवान विष्णु वेंकटेश्वर की तरह खड़े हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर, जो देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, एक बार फिर चर्चा में है।

श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी के इस्तेमाल का मामला अभी थमा भी नहीं था कि तिरुपति बालाजी मंदिर में एक भगदड़ ने कई लोगों की जान ले ली। आइए जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर के बार में ।

तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए आवश्यक नियम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री वेंकटेश्वर तिरुमला में अपनी पत्नी पद्मावती के साथ रहते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त भगवान वेंकटेश्वर के सामने सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उनकी सभी प्रार्थनाएं पूरी होती हैं। यही कारण है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन पांच सौ से एक लाख लोग दर्शन करते हैं। यह आम तौर पर 1 से 3 दिन लग सकता है; अधिक भीड़ होने पर समय और भी बढ़ जाता है।

तिरुमाला पहाड़ी पर बसा मंदिर

जिस नगर में यह मंदिर बना है उसका नाम तिरूपति है और नगर की जिस पहाड़ी पर मंदिर बना है उसे तिरूमला (श्री+मलय) कहते हैं। तिरूमला को वैंकट पहाड़ी अथवा शेषांचलम भी कहा जाता है। यह पहाड़ी सर्पाकार प्रतीत होती है जिसकी सात चोटियां हैं जो आदि शेष के फनों की प्रतीक मानी जाती हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य

गुरुवार को भगवान वेंकेटेश्वर को चंदन का लेप लगाया जाता है, जिससे एक बड़ा रहस्य खुलता है। जब इस लेप को हटाया जाता है, भगवान वेंकेटेश्वर के दिल में माता लक्ष्मी की आकृति दिखाई देती है।

भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति पर कान लगाकर सुनें तो समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है।

श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है, और इस दीपक में कभी भी तेल या घी नहीं डाला जाता।

माना जाता है कि भगवान के रूप में मां लक्ष्मी भी स्थापित हैं, जिनकी वजह से श्री वेंकेटेश्वर स्वामी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परंपरा है।

 

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