Ahoi Ashtami Vrat Puja: कल होई अहोई अष्टमी व्रत, इस तरह करें पूजा

Ahoi Ashtami: संतानों की खुशहाली और दीर्घायु की कामना के साथ 24 अक्टूबर (गुरुवार) को महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखेंगी। कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी कार्तिक महीने में मनाई जाती है। यहाँ अहोई अष्टमी की पूजा-विधि देखें:

Ahoi Ashtami: संतानों की खुशहाली और दीर्घायु की कामना के साथ 24 अक्टूबर (गुरुवार) को महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखेंगी। कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी कार्तिक महीने में मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस दिन माता पार्वती के अहोई स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, अर्थात् बिना कुछ खाए या पिए। इस व्रत को रखने से संतान दीर्घायु होती है, ऐसी मान्यता है। रोगों से बचाव करता है। विवाहित महिलाएं भी अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। शाम को व्रत कथा का पाठ किया जाता है।।

पूजन विधि

– इस व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास करती है।

– कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल अहोई अष्टमी व्रत मनाया जाता है।

– अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को धारदार वस्तुओं से बचना चाहिए। इस दिन किसी भी नुकीली वस्तु   (जैसे सुई) का प्रयोग न करें।

– अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन में सोना मना है। इस दिन माता का ध्यान करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

– अहोई अष्टमी व्रत के दिन शाम को तारों को अर्ध्य देने की परंपरा है। तारों को अर्ध्य देने से व्रत समाप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो महिला अहोई माता का व्रत रखती है, उसे जल्द संतान सुख की प्राप्ति होती है।

 

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