Yogini Ekadashi, 2 जुलाई 2024 को मनाए जाएगी, जानिये पूजन विधि, व्रत की कथा,तिथि और मुहूर्त

Yogini Ekadashi 2024

व्रत के लाभ

योगिनी एकादशी का व्रत करना कई तरह से शुभकारी होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से स्वर्गलोग की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि मात्र इस व्रत के करने से आपको 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल मिलता है।

इस दौरान नहीं करना चाहिए पारण

एकादशी व्रत के दौरान व्रत का पारण नहीं करना चाहिए, इसलिए इस अवधि का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। हरि वासर की अवधि पारण से पहले समाप्त होनी चाहिए; अगर ऐसा नहीं होता तो प्रतीक्षा करना चाहिए। अब आप जानना चाहेंगे कि हरि वासर क्या है? हम आपको बता देंगे कि यह द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। इसलिए प्रातःकाल व्रत के पारण के लिए सबसे अच्छा समय है। यहाँ आपको पता होना चाहिए कि द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत का पारण करना अनिवार्य है। यदि द्वादशी की तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है।

योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए

ऐसे ही एकादशी (Ekadashi) की हर तिथि भगवान को प्रिय और महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा बनाए रखने के लिए दोनों दिन एकादशी व्रत करने की सलाह दी जाती है। योगिनी एकादशी के व्रत से सभी पाप दूर होंगे। हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को काटना पाप है और इस व्रत को करने से इस पाप से भी छुटकारा मिलता है। यही नहीं, व्रत से शारीरिक बीमारियों से छुटकारा मिलता है और सफलता मिलती है। व्रत का प्रभाव शाप को भी दूर करता है।

2024 योगिनी एकादशी व्रत पूजन विधि

योगिनी एकादशी के नियम एक दिन पहले से ही लागू होते हैं. दशमी तिथि की रात श्रद्धालु को जौ, गेहूं और मूंग दाल से खाने से बचना चाहिए।

व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए

योगिनी एकादशी व्रत की कथा

सभी एकादशी की कहानी अलग है। योगिनी एकादशी व्रत कथा के अनुसार, कुबेर बहुत पहले अलकापुरी में एक माली काम करता था। रोजाना पूजन के लिए फूल लेकर आना था। एक दिन सुबह वह अपनी पत्नी के साथ प्रेमालाप में लीन हो गया। वह बहुत देर होने पर भी फूल नहीं लाया। राजा कुबेर ने पता लगवाया तो उन्हें सच्चाई का पता चल गया। इसके बाद, वे क्रोधित होकर माली को कोढ़ी होने का शाप दिया। शाप के प्रभाव से माली बीमार हो गया और फिर मार्कंडेय ऋषि के आश्रम में गया। ऋषि ने अपने तपोबल से उसके दुख का कारण पता लगाया और उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। माली ने फिर पूरी तरह से योगिनी एकादशी का व्रत रखा। व्रत की कृपा से उसका कुष्ठ रोग ठीक हो गया और उसे मोक्ष मिला।

योगिनी एकादशी की तिथि और मुहूर्त

योगिनी एकादशी 2024 मंगलवार, 2 जुलाई 2024
3 जुलाई को पारण का समय प्रातः 06:08 बजे से प्रातः 07:10 बजे तक
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय 07:10 पूर्वाह्न
एकादशी तिथि प्रारंभ 01 जुलाई 2024 को सुबह 10:26 बजे
एकादशी तिथि समाप्त 02 जुलाई 2024 को प्रातः 08:42 बजे
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