Pitra Dosh: कुंडली में पितृ दोष कैसे दिखाई देता है और इससे बचने के लिए क्या उपाय हैं?

Pitra Dosh Kya Hota Hai: ज्योतिषशास्त्र कहता है कि एक व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ योग होते हैं। कुंडली पितृ दोष भी दिखाती है। पृत दोष लगने पर व्यक्ति कई समस्याओं से गुजरता है। हालाँकि, पितृ दोष को दूर करने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिनसे मुक्ति मिल सकती है।

Pitra Dosh In Kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली उसके जन्म के समय आकाश में ग्रह और नक्षत्र जिस स्थिति में होते हैं, उसके आधार पर बनाई जाती है। ज्योतिषी किसी व्यक्ति की कुंडली देखकर उसके जीवन में होने वाली हर घटना जान सकता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि कुंडली में कई शुभ और अशुभ योग होते हैं।

व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुभ योग होने से उसका जीवन सुखमय होता है। धन की कमी नहीं रहती। थोड़ी मेहनत से सफलता मिलती है। वहीं कुंडली में अशुभ योग भी परेशान कर सकते हैं। आज हम कुंडली में पृत दोष बताने जा रहे हैं। जिन लोगों की कुंडली में पृत दोष होता है, वे धन की बर्बादी, बीमार होने, परिवार में विवाद पैदा करने और अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब देखते हैं कि कुंडली में पितृ दोष कैसे दिखाई देता है। इससे बचने के क्या उपाय हैं?

पृत दोष कुंडली में कैसे दिखाई देता है?

सूर्य, मंगल और शनि लग्न भाव और पांचवें भाव में होने पर पितृ दोष लगता है। गुरु और राहु एक साथ अष्टम भाव में आने से पितृ दोष होता है। जन्म कुंडली में त्रिकोण या राहू केंद्र हो तो भी पितृ दोष लगता है। वहीं सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश राहु से जुड़े होने पर भी पितृ दोष लगता है।

पितृ दोष से बचने के उपाय

बरगद के पेड़ के नीचे बार-बार दिया जलाना चाहिए।

तिल और जल मिलाकर उगते सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। गायत्री मंत्र भी जाप करना चाहिए।

पितरों का तर्पण करना चाहिए. पितर प्रसन्न होते हैं, तो पृत दोष से मुक्ति मिलती है.

गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए.

नवरात्रि के समय कालिका स्त्रोत का जाप करना चाहिए.

हर अमावस्या को ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए.

अमावस्या पर वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए.

चीटिंयों, कुत्तों, गायों और पक्षियों को भोजन करना चाहिए.

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पर उनका पिंडदान और तर्पण करना चाहिए

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