Chaiti Chhath 2025: चैती छठ कब से शुरू होता है नोट करें संध्या अर्घ्य की सही डेट

ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (Chaiti Chhath 2025) पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है।

Chaiti Chhath 2025: सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने से सौभाग्य और सुख मिलेंगे। साथ ही सभी बाधाओं से छुटकारा मिलेगा। राम नवमी चैती छठ के दो दिन बाद मनाया जाएगा।

लोक आस्था का महापर्व हर साल छठ चैत्र और कार्तिक में मनाया जाता है। यमुना छठ या चैती छठ चैत्र महीने की छठ पूजा का नाम है। चैती छठ भी कार्तिक छठ पूजा की तरह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है।

नहाय खाय से छठ पूजा शुरू होती है। अगले दिन खरना होता है। वहीं, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संध्या होती है। किंतु सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर महापर्व समाप्त होता है। बिहार, नेपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में इस व्रत को भव्य रूप से मनाया जाता है। यहाँ चैती छठ पूजा की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं:

चैती छठ पूजा कब है?

1 अप्रैल को नहाय-खाय है। इस दिन व्रती स्नान-ध्यान करके सूर्य देव और कुल देवता या देवी मां की पूजा करती हैं। इसके बाद भोजन ग्रहण करती हैं। इस शुभ अवसर पर चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी भोजन में खाया जाता है।

2 अप्रैल को खरना होगा। महिलाएं इस दिन दिन भर व्रत रखती हैं। वहीं, खरना पूजा करने के बाद भोजन करती हैं।

3 अप्रैल को संध्या आरम्भ होगी। डूबते सूर्य को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को अर्घ्य देते हैं।

4 अप्रैल को सुबह पूजा की जाएगी। उगते सूर्य को चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अर्घ्य देते हैं। इससे छठ पूजा समाप्त होगी। सूर्य देव की पूजा करने से एक स्वस्थ जीवन मिलता है। नवविवाहित दंपति को छठ पूजा व्रत करने से पुत्र प्राप्त होता है।

चैती छठ शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि दो अप्रैल को देर रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 3 अप्रैल को रात 9 बजे 41 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी। 03 अप्रैल को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्यास्त संध्याकाल 06 बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं, सप्तमी तिथि यानी 04 अप्रैल को सूर्योदय प्रातः काल 06 बजकर 08 मिनट पर होगा।

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