Kanya Pujan Vidhi: मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस तरह से कन्या पूजन करें, वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा!

Kanya Pujan: मासिक दुर्गाष्टमी पर माता दुर्गा को विशेष रूप से पूजा जाता है। चैत्र नवरात्रि में इस बार मासिक दुर्गाअष्टमी है। यही कारण है कि ये दुर्गाष्टमी और भी खास है। क्योंकि इसमें कन्याओं की पूजा होगी। इसलिए, आइए जानते हैं कन्या पूजन की प्रक्रिया।

Masik Durgashtami 2025 Kanya Pujan Vidhi: हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी बहुत पावन और विशिष्ट है। मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। माता के भक्तों के लिए मासिक दुर्गाष्टमी बहुत महत्वपूर्ण है। भक्त मासिक दुर्गाष्टमी पर माता का पूजन करते हैं और व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन माता दुर्गा का पूजन और व्रत करने से लाभ मिलता है। घर में सुख-शांति और समृद्धि है।

चैत्र महीने की नवरात्रि शुरू हो गई है। नवरात्र का तीसरा दिन आज है। इस नवरात्रि का समापन छह अप्रैल को होगा। इस बार मासिक दुर्गाष्टमी चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को होगी। मासिक दुर्गाष्टमी पर कन्या पूजन होगा। मान्यता है कि जो भी मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधि पूर्वक कन्या पूजन करता है मां उसे सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कन्या पूजन की विधि के बारे में.

मासिक दुर्गाष्टमी कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि है। ऐसे में चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी 5 अप्रैल को मनाई जाएगी।

कन्या पूजन की प्रथा

कन्याओं के स्वागत से पूजा शुरू होनी चाहिए। कन्याओं के पैर इसके बाब से धोने चाहिए। कन्याओं को फिर आसन पर बैठाना चाहिए। कन्याओं को कलावा लगानी चाहिए। उन्होंने अपने मस्तक पर लाल कुमकुम लगाना चाहिए। कन्याओं को पूड़ी, काले चने, नारियल और हलवा खाना चाहिए। फिर कन्याओं को चुनरी, चूड़ियां और नए कपड़े उपहार में देना चाहिए। फिर कन्याओं को उनकी क्षमता के अनुसार दक्षिणा और फल देना चाहिए। फिर कन्याओं के पैर छुकर उनसे शुक्रिया कहना चाहिए। अंत में कन्याओं से थोड़ा सा अक्षत अपने घर में छिड़कवाना चाहिए. अक्षत स्वंय भी लेना चाहिए.

कन्या पूजन का महत्व

कन्या पूजन में 9 कन्याओं को घर बुलाया जाता है. नौ कन्याओं को माता दुर्गा के 9 रूपों का प्रतीक माना जाता है. जो भी कन्याओं का पूजन करते हैं माता उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.

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