IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया में 72 साल का कीर्तिमान चकनाचूर, बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार हुआ कमाल

IND vs AUS: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का आज से पर्थ में शानदार आगाज हो चुका है। पहले ही दिन हाईवोल्टेज ड्रामा और मुकाबला देखने के लिए मिला।
IND vs AUS: 1996 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के दो महान खिलाड़ियों के नाम पर पहली बार बॉर्डर गावस्कर सीरीज हुई। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच काफी संघर्ष हुआ है, कभी एक टीम भारी पड़ती है तो कभी दूसरी टीम। इस बीच 28 वर्षों में कभी ऐसा नहीं हुआ था, जो आज 22 नवंबर को पर्थ में हुआ। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के पिछले करीब 72 साल के इतिहास में भी ये कारनामा पहली बार देखने के लिए मिला है, जो सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर पूरी दुनिया की नजर
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज, जिसे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी कहा जाता है, पिछले कुछ समय से इंतजार किया जा रहा है। ये एक ऐसी श्रृंखला है, जिसका इंतजार सिर्फ इन दो टीमों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों ने किया है। यही कारण है कि यह प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। विशेष रूप से टेस्ट मैचों में ये दोनों टीमें आमने सामने होती हैं, तो विश्व भर की नजर इसी पर रहती है। भारतीय टीम के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने सोचा कि उनका बल्लेबाजी करने का निर्णय गलत था जब टॉस जीता था। ये धारणा और भी पुष्ट हुई जब भारतीय टीम के विकेट एक के बाद एक गिरते चले गए, लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ, जब भारत ने गेंदबाजी शुरू की।
टीम इंडिया ने केवल 150 रन बनाए।
भारत की पूरी टीम 150 रन बनाकर हारी। बाद में लगता था कि टीम इंडिया पीछे है, लेकिन भारतीय पेस अटैक ने सब कुछ बदल दिया। दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट और 70 रन भी नहीं बनाए थे। 1952 के बाद, यानी लगभग 72 साल बाद, ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट मैच के पहले दिन 16 विकेट गिरे हों। 72 साल का मतलब हुआ कि ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऐसा पहली बार हुआ है, क्योंकि इस ट्रॉफी का तो इतिहास ही अभी केवल 28 साल का है।
टीम इंडिया के पास सीरीज में बढ़त का मौका
टीम इंडिया भले ही 150 रन ही बना सकी हो, लेकिन अब जबकि 27 ओवर में ऑस्ट्रेलिया की टीम 67 रन पर ही अपने 7 विकेट गवां चुकी हो तो भारत की स्थिति को मजबूत कहा जा सकता है। भारत के पास अभी भी 83 रनों की लीड है। यानी अगर ऑस्ट्रेलिया के बाकी तीन बल्लेबाज भी अगर सस्ते में आउट हो गए तो भारत को पहली ही पारी के आधार पर लीड मिल जाएगी। जो इस मैच में काफी ज्यादा अहम साबित होगी। पर्थ का इतिहास रहा है कि अभी कोई भी टीम यहां पर रनों को चेज करते हुए नहीं जीती है। इस बार ऑस्ट्रेलिया को चौथी पारी में बल्लेबाजी करनी होगी और टारगेट चेज करना होगा, जो उसके लिए बहुत मुश्किल होने वाला है। अब नजर इस बात पर होगी कि ऑस्ट्रेलिया के बाकी विकेट कितनी जल्दी गिरते हैं और उसके बाद टीम इंडिया दूसरी पारी में किस तरह की बल्लेबाजी करती है।