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Phulera Dooj 2025: फुलेरा दूज के सही नियम और क्या करें क्या न करें जानें

Phulera Dooj 2025: हिंदू धर्म में फुलेरा दूज का पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। ये पर्व प्रेम का प्रतीक है। फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है।

Phulera Dooj 2025: यह दिन फूलों की होली है। आज कुछ काम करना वर्जित है। ऐसे में आइए जानते हैं कि फूलेरा दूज के दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। फुलेरा दूज हिंदू धर्म में जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। फुलेरा दूज प्रेम का त्योहार है। ये त्योहार मथुरा, वृंदावन और पूरे ब्रज क्षेत्र में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाए जाते हैं। इस त्योहार को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने फुलेरा दूज पर गोपियों और राधा रानी के साथ फूलों से होली खेली। इसलिए फूलों वाली होली इस दिन मनाई जाती है।

फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त कहते हैं। इसका अर्थ है कि इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए कोई मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होगी। इस दिन बिना मुहूर्त के कोई शुभ कार्य किया जा सकता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।

फुलेरा दूज कब मनाया जाता है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शुरू होगी। 2 मार्च को देर रात 12 बजकर 9 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। ऐसे में, 1 मार्च, शनिवार को ही फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाएगा।

ये काम करें

फूलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को विधिपूर्वक पूजना चाहिए।

इस दिन भगवान कृष्ण को रंग-बिरंगे कपड़े पहनाना चाहिए।

पूजा करते समय भगवान को अक्षत और दूर्वा चढ़ाना चाहिए।

ताजे-धोए हुए फूल भगवान को देना चाहिए।

भगवान को फूल, फल, मिठाई, माखन और मिश्री देना चाहिए।

राधा रानी को श्रृंगार का सामान चढ़ाना अनिवार्य है।

श्रीकृष्ण और राधा रानी को पूजा करने के बाद अबीर और गुलाल अर्पित करना चाहिए।

गाय को भोजन कराना चाहिए।

ये काम न करें

फूलेरा दूज के दिन कोई तामसिक भोजन या मसांहार नहीं खाना चाहिए।

ध्यान रखें कि श्रीकृष्ण को चढ़ाया गया गुलाल वो पैरों के नीचे नहीं आना चाहिए।

ये दिन प्रेम का प्रतीक है. इसलिए इस दिन किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए.

किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए.

इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजन करना नहीं भूलना चाहिए.

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