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Rajasthan News: पोर्टल के शुरू होने से खाद्य सुरक्षा से जुड़ने की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हुई 

Rajasthan News: खाद्य सुरक्षा से जुड़े 88 प्रतिशत से अधिक लोगों की ई केवाईसी सम्पन्न

  • गिव अप अभियान के तहत 8.38 लाख अपात्र लोगों ने छोड़ी खाद्य सुरक्षा

Rajasthan News: प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी की पहली प्राथमिकता है, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने कहा। गत वर्ष राज्य सरकार ने 13 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा दी है, श्री गोदारा ने बुधवार को सचिवालय में एक प्रेस वार्ता में कहा। इनमें भी 1.60 लाख से अधिक विशेष योग्य व्यक्ति शामिल हैं। उनका कहना था कि खाद्य सुरक्षा से वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार। गत 26 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा पोर्टल को फिर से शुरू किया।

श्री गोदारा ने कहा कि पिछले वर्षों से खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए लंबित 9 लाख आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है, जिससे योग्य लोगों को खाद्य सुरक्षा से जुड़ने का अवसर मिलेगा। प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए स्वीकृत किए गए आवेदनों का रेंडम चेक भी किया जाता है। उनका कहना था कि आगामी दिनों में जिला कलेक्टर को खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों को एनएफएसए से जोड़ने के लिए विशेष अपील अधिकार दिए जाएंगे।

खाद्य सुरक्षा पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना हुआ सरल

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए पोर्टल से खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और आसान बनाया गया है। उन्होंने बताया, पोर्टल पर आवेदन करने के लिए आप स्वयं या ई मित्र का उपयोग कर सकते हैं। आवेदन की त्रिस्तरीय जांच की जाएगी, जिससे आवेदन की शुचिता सुनिश्चित की जाएगी। प्राप्त आवेदन ऑनलाइन संबंधित अपीलीय अधिकारी के समक्ष जाएगा, जो इसका निस्तारण करेगा। अपीलीय अधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन को शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी/आयुक्त एवं ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक विकास अधिकारी को जांच हेतु प्रेषित किया जाएगा।

उक्त अधिकारियों द्वारा आवेदन की जांच के लिए गठित कमेटी से मिली रिपोर्ट के आधार पर नाम जोडने के संबंध में स्पष्ट निर्णय के साथ मामला अपीलीय अधिकारी को पुनः भेजा जाएगा। इसके बाद आवेदन को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में शामिल करने या नहीं करने का फैसला किया जाएगा। उनका कहना था कि विभाग पोर्टल के माध्यम से लगातार आवेदन प्राप्त करता है और नए दिशा निर्देशों के अनुसार उनके एक माह के भीतर समाधान किया जाता है। उनका कहना था कि ई-मित्र पर आवेदन करने के लिए पचास रुपये का शुल्क लगाया गया है। आम जनता इससे अधिक राशि की मांग कर सकती है या विभाग से जुड़े किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1800-180-6030 पर कर सकती है।

88% से अधिक लोगों ने ई केवाईसी पूरी की

श्री गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के दिशा निर्देशों की पालना करते हुए ई-केवाईसी प्रक्रिया को प्रभावी रूप से पूरा किया जा रहा है, जिससे सब लोगों को खाद्य सुरक्षा मिल रही है। उनका कहना था कि आगामी 28 जनवरी तक खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले 88 प्रतिशत से अधिक लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को राज्य सरकार द्वारा संवेदनशीलता के आधार पर ई-केवाईसी से छूट दी गई है। दस साल की आयु से कम के बच्चों को भी ई-केवाईसी की आवश्यकता नहीं है।

8.38 लाख अपात्रों ने गिव अप अभियान में खाद्य सुरक्षा स्वयं छोड़ दी

श्री गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए गए गिव अप अभियान के तहत अब तक राज्य में 8.38 लाख से अधिक लोगों ने खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाया है। उनका कहना था कि गिव अप अभियान 28 फरवरी तक अनवरत रहेगा। राज्य सरकार अधिक योग्य लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान कर सकेगी अगर गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके लोगों ने स्वयं अपना नाम हटवा लिया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होने के लिए सक्षम लोगों से अपना नाम हटवाने का आह्वान किया। स्वत: नाम नहीं हटवाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा से जुड़े अपात्र परिवारों को नामांकित कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा। अपात्र व्यक्ति का नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दें, ताकि वसूली या अन्य दंडात्मक कार्रवाई से बचें।

खाद्य सुरक्षा के लिए अपात्र परिवार निम्नलिखित श्रेणियों में शामिल हैं

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपात्र होंगे किसी भी परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता हो, किसी सरकारी, अर्द्ध सरकारी या स्वायत्तशासी संस्था में नियमित कार्मिक हो, एक लाख रूपये प्रति वर्ष से अधिक पेंशन प्राप्त करता हो, या चार पहिया वाहन (ट्रेक्टर और वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर)। साथ ही ऐसे परिवार, जिनके सभी सदस्यों की कुल आय एक लाख रुपए वार्षिक से अधिक हो, जिनके पास ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्गफीट से अधिक स्वयं के निवास हेतु पक्का मकान हो, नगर निगम/नगर परिषद क्षेत्र में 1000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में पक्का आवासीय/व्यावसायिक परिसरधारी परिवार(कच्ची बस्ती को छोडकर), नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित पक्का आवासीय/व्यावसायिक परिसरधारी परिवार(कच्ची बस्ती को छोडकर), खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अपात्र होंगे।

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