Rohit Sharma ने एमएस धोनी और सौरव गांगुली का ये दुर्लभ रिकॉर्ड तोड़ दिया, अगला मैच भी हारे तो डिब्बा गोल

Rohit Sharma अपने टेस्ट करियर में अब उस मुकाम पर खड़े हैं, जहां से जीत दूर की कौड़ी साबित हो रही है। पिछले 6 टेस्ट मैचों से वे जीत के लिए तरस रहे हैं। ये अपने आप में एक अनोखी बात है।
Rohit Sharma Winless Streak: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की हालत खराब है। ना तो उनका बल्ला चल रहा है और ना ही टीम इंडिया उनकी कप्तानी में जीत दर्ज कर पाई है। 2024 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने ऐसा कोई मौका नहीं मिला, जो आपको याद होगा। अब तो लगता है कि टेस्ट जीतने का कोई रास्ता नहीं है। रोहित शर्मा ने अपने ही पूर्व कप्तान एमएस धोनी और सौरव गांगुली का शर्मनाक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। जीत अब रोहित शर्मा से मीलों दूर नजर आ रही है।
लगातार 6 टेस्ट मैचों से नहीं मिली रोहित शर्मा को जीत
यहां हम वर्ष 2000 से लेकर आज तक की बात करते हैं। यानी लगभग 24 वर्षों में केवल एक बार ऐसा हुआ था कि कोई भारतीय कप्तान लगातार छह टेस्ट मैचों में एक भी मुकाबला नहीं जीत पाया था। ये सब कुछ साल 2011 में हुआ था, तब के कप्तान एमएस धोनी लगातार 6 मैचों में से एक भी मैच नहीं जीत पाए थे। अब रोहित शर्मा भी उसी मुकाम पर खड़े हो गए हैं। रोहित शर्मा ने इस साल 2024 में लगातार 6 मैचों से एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता है। एक मैच जो भारतीय टीम इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीती है, वो जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में आई थी। लेकिन जैसे ही रोहित ने वापस कप्तानी संभाली, जीत दूर हो गई है।
एमएस धोनी और सौरव गांगुली के साथ भी हुआ था ऐसा
अब आप सोच रहे होंगे कि रोहित शर्मा ने एमएस धोनी का रिकॉर्ड कैसे तोड़ा है? तो चलिए आगे की कहानी भी आपको बताते हैं। 2002 और 2003 में सौरव गांगुली ने लगातार पांच टेस्ट मैच नहीं जीते थे। रोहित शर्मा ने इस मामले में सौरव गांगुली का शर्मनाक रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एमएस धोनी भी 2013, 2014 और 2014 में लगातार पांच टेस्ट मैचों में से एक भी जीत नहीं पाया था। इस दृष्टिकोण से, रोहित शर्मा अब एमएस धोनी और सौरव गांगुली से आगे निकल गए हैं।
अब बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हारने का खतरा
इतना ही नहीं अगर कहीं रोहित शर्मा अगला मुकाबला भी हार जाते हैं या फिर मैच ड्रॉ होता है तो रोहित शर्मा लगातार सात मैचों से कोई टेस्ट नहीं जीत पाएंगे। यानी वे साल 2000 के बाद भारत के ऐसे पहले कप्तान बन जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर अगला मैच टीम इंडिया हारती है या फिर मैच ड्रॉ होता है तो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी भारत के हाथ से चली जाएगी। जोे पिछले कई साल से भारत के ही कब्जे में है। यानी अगला मुकाबला इस लिहाज से भी अहम होने जा रहा है।