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Sanjay Singh: “चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के मन में…” संजय सिंह का बड़ा बयान

Sanjay Singh on Chandrababu Naidu and Nitish Kumar: संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने खुद देश को पीएम मोदी के खिलाफ एकजुट करने का काम किया है।

Sanjay Singh on PM Modi: बीजेपी को लोकसभा चुनाव के नतीजे भले ही बीजेपी के पक्ष में हैं, लेकिन पार्टी ने जो बड़ी जीत का दावा किया था, वह नहीं कर सकी। वहीं, पिछली बार से विपक्ष का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। इसलिए बीजेपी को विपक्ष लगातार निशाना बनाता है। साथ ही, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का भी बयान आया है। उन्होंने भी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है.

संजय सिंह ने कहा, “देश की जनता ने प्रधानमंत्री को एक बहुत बड़ा संदेश दिया है। जनता ने कहा कि तानाशाही अब नहीं चलेगी। बेरोजगारी इस समय एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है। PM मोदी और बीजेपी ने ‘400 पार’ की बार-बार चर्चा की। जनता को इससे पता चला कि ये देश का संविधान बदलना चाहते हैं और आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं. देश की जनता ने इसी कारण से ये जनादेश दिया है.”

इंडिया गठबंधन में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू की चर्चा है। साथ ही, बुधवार शाम को चुनावी नतीजों के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक होगी। इस मामले में संजय सिंह ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। “आज शाम को 6.00 बजे इंडिया गठबंधन की मीटिंग है, जिसमें सब लोग बैठेंगे और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी,” उन्होंने कहा। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के मामले में, 2019 में चंद्रबाबू ने देश को एकजुट करने का प्रयास किया था और पीएम मोदी की तानाशाही के खिलाफ दिल्ली में धरना दिया था। उन्होंने यह मुद्दा उठाया था कि केंद्रीय सरकार राज्यों का अधिकार छीन रही है। नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को संगठित करने के लिए किया था.”।

“मेरा मानना है कि स्वाभाविक रूप से चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार के मन में पीएम मोदी या अमित शाह को लेकर कोई श्रद्धा या सम्मान नहीं है,” संजय सिंह ने कहा। आगे वे दोनों क्या करना चाहते हैं ये उनकी मर्जी है.”

वाराणसी लोकसभा चुनाव पर संजय सिंह की टिप्पणी

वाराणसी लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भी संजय सिंह ने पीएम मोदी को घेरा। उनका कहना था कि PM मोदी लगातार 400 पार की बात करते थे। यदि प्रधानमंत्री में अगर जरा सी भी नैतिकता है तो मुझे लगता है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और अपनी हार को स्वीकार करना चाहिए। वाराणसी तक, देश की जनता ने अपने प्रधानमंत्री को नकारा है। वह डेढ़ लाख वोटों से जीते हैं, लेकिन उनकी पार्टी 10 लाख वोटों से अंतर की जीत का दावा कर रही थी और अब परिणाम सबके सामने हैं.”

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