

Punjab News: यहां इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए राज्य ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह जांच पनसप के तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर से प्राप्त पत्र के आधार पर की गई थी। उक्त चावल मिलर्स ने वर्ष 2011-12 के दौरान धान के भंडारण और चावल मिलिंग के लिए राज्य खरीद प्राधिकरण पनसप के साथ समझौता किया था।
उन्होंने आगे बताया कि तत्कालीन जिला नियंत्रक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले (डीएफएससी) विभाग, संगरूर ने तत्कालीन जिला प्रबंधक पनसप, संगरूर को धान की हेराफेरी के लिए उक्त चावल मिल के खिलाफ जांच करने के लिए एक शिकायत पत्र भेजा था।
उन्होंने आगे बताया कि इस सम्बन्ध में तत्कालीन डिप्टी मैनेजर (स्टोरेज) पनसप जसपाल शर्मा तथा तत्कालीन डी.एफ.एस.सी. अंजुमन भास्कर द्वारा संयुक्त रूप से सिंगला फूड प्रोडक्टस तथा सिंगला एग्रो मिल, भवानीगढ़ का भौतिक निरीक्षण करने के दौरान यह बात सामने आई थी कि सिंगला फूड प्रोडक्टस में 14 वैगन धान की कमी थी।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि उक्त चावल मिल के मालिक ने चावल के गायब बैगों का अनुचित लाभ उठाने के लिए नाभा के एक गोदाम में उस समय तैनात भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी किया गया एक जाली प्रमाण पत्र निरीक्षण दल को प्रस्तुत किया था, जिस पर दोनों एफसीआई अधिकारियों ने कहा था कि प्रमाण पत्र पर उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं।
इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सिंगला फूड प्रोडक्ट्स, भवानीगढ़ के चार भागीदारों – पवन कुमार, तथा तीन महिला भागीदारों – लीलावती, मंजू सिंगला तथा समीरा सिंगला के विरुद्ध विजीलैण्ड ब्यूरो पुलिस स्टेशन, आर्थिक अपराध शाखा, लुधियाना रेंज में धारा 406, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी आईपीसी के अन्तर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।