केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अनेक योजनाओं की समीक्षा करने के लिए अपनी बैठकें जारी रखते हैं।
एक समय में ‘बैंकों की पहुंच से वंचित’ मानी जाने वाली महिलाएं ‘ भविष्य की लखपति दीदी’ हैंः श्री चौहान
मंत्री महोदय ने निर्देश दिया है कि शत-प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़क से जोड़ने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार (11 जून 2024) को मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों को जारी रखा और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। मंत्री महोदय ने योजनाओं के लिए विभागीय कार्य योजना के सभी पहलुओं को समझते हुए स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए मजबूत कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य उनके लिए एक सपने की तरह है और सभी से तीन वर्ष की समय सीमा से पहले लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करने का आह्वान किया। श्री चौहान ने कहा कि वह जल्द ही लखपति दीदी पहल को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों की साथ एक बैठक करेंगे और यदि कोई मुद्दा हैं, तो उन्हें हल करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। श्री चौहान ने दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डी. ए. वाई.-एन. आर. एल. एम.) के तहत किए गए प्रयासों की सराहना की और महिला स्वयं सहायता समूहों (एस. एच. जी.) द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए ब्रांडिंग और विपणन प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कभी ‘बैंकों की पहुंच से वंचित’ मानी जाने वाली ये महिलाएं ‘भविष्य की लखपति दीदी’ हैं और स्वयं सहायता समूह ग्रामीण ऋण की दशकीय समस्या को हल करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं- ये महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का एक सच्चा उदाहरण है। मंत्री महोदय को बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों ने 56 लाख से अधिक महिला एसएचजी को 2,06,636 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया-ऋण से जुड़ी एसएचजी की वार्षिक संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई है और पिछले दस वर्षों के दौरान वार्षिक ऋण वितरण में लगभग दस गुना वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की समीक्षा करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में सहायक रही है और इसे विकसित भारत की प्राप्ति को सुगम बनाने के लिए आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में उपयोग में आने वाली सड़क से जोड़ने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किए गए नए उपायों की सराहना की और इच्छा जाहिर की कि इन्हें सभी स्तरों पर बढ़ाया जाए। श्री चौहान ने ग्रामीण सड़क रखरखाव में सुधार के लिए राज्यों के साथ अधिक समन्वय का आह्वान किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों की साझेदारी को मजबूत करने के लिए आगे के उपाय करने का निर्देश दिया। इस बैठक के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान, सचिव, श्री शैलेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
source: https://pib.gov.in/