UP Politics: यूपी में मायावती को हराने के लिए कांग्रेस तैयारी! चुनाव से पहले की योजना
UP Politics: कांग्रेस ने बसपा के ऐसे नेताओं को अपने पाले में लाने की योजना बनाई है जो उपेक्षित महसूस करते हैं। ऐसे नेताओं से संपर्क कर पार्टी में उनका स्वागत किया जाएगा।
UP Politics: यूपी में लोकसभा चुनाव में अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद कांग्रेस का उत्साह बुलंद है। इसलिए कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को व्यापक रूप से मजबूत करने में लगी है। ऐसे में कांग्रेस ने अपनी नजर उन नेताओं पर टिका दी है जो बहुजन समाज पार्टी से जुड़े हैं, ताकि वो अपने सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार दे सकें. कांग्रेस इस प्रयास में सफल होने पर समाजवादी पार्टी को फायदा हो सकता है अगर यह उपचुनाव से पहले होता है।
नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस ने किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन वह सपा के साथ गठबंधन करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कांग्रेस इस बीच बहुत पिछड़े और दलित वोटों में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है, ताकि पार्टी को अधिक वोट मिले। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बसपा नेताओं की ओर टकटकी लगाए बैठी है.
बसपा नेताओं पर टिकी कांग्रेस की नजर
कांग्रेस ने बसपा के ऐसे नेताओं को अपने पक्ष में लाने की योजना बनाई है। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को ऐसे नेताओं को देखने के लिए कहा है जो बसपा में उपेक्षित महसूस करते हैं। पार्टी में शामिल करने के लिए उनसे संपर्क करना जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी। कांग्रेस नेता ने उन्हें बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
कांग्रेस भी इन नेताओं को बताएगी कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर उनके मुद्दे को दृढ़ता से उठाती है। सियासी विश्लेषकों का कहना है कि अगर कांग्रेस ऐसे कुछ नेताओं को यूपी उपचुनाव से पहले अपने पाले में लाने में सफल होती है तो सपा को भी फायदा होगा। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि दलित वोटर्स सपा के साथ आने में असहज महसूस करते हैं लेकिन, लोकसभा चुनाव में दलितों ने बड़ी संख्या में कांग्रेस के पक्ष में वोट किया था.
कांग्रेस की इस रणनीति से स्पष्ट रूप से सपा को उपचुनाव में लाभ मिल सकता है। कांग्रेस ने इस चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारा, लेकिन सपा का खुलकर समर्थन कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि विभिन्न दलों के कई नेताओं को जल्द ही कांग्रेस में शामिल किया जाएगा। उपचुनाव से पहले भी कुछ राजनीतिक नेता उनके पक्ष में आ सकते हैं।