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हरियाणा के गवर्नर दत्तात्रेय को पंजाब का गवर्नर बनाया गया! चंडीगढ़ के प्रशासक भी जिम्मेदारी बढ़ा दी जाएगी, बनवारी लाल पुरोहित के इस्तीफे से हलचल

Bandaru Dattatreya Punjab Governor: बनवारी लाल पुरोहित के इस्तीफे के बाद हरियाणा के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय को पंजाब गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। यानि बंडारू दत्तात्रेय स्थायी नियुक्ति होने तक पंजाब के कार्यवाहक गवर्नर बनाए जा सकते हैं। इस संबंध में किसी भी वक्त आदेश जारी होने संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो फिर बंडारू दत्तात्रेय पंजाब गवर्नर के साथ-साथ चंडीगढ़ प्रशासक का कार्यभार भी संभालेंगे। इससे पहले हरियाणा के गवर्नर रहे कप्तान सिंह सोलंकी इस तरह की ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं। बता दें कि, बंडारू दत्तात्रेय को 7 जुलाई 2021 में हरियाणा का गवर्नर नियुक्त किया गया था। इससे पहले दत्तात्रेय 11 सितम्बर 2019 से 6 जुलाई 2021 तक हिमाचल के 20वें गवर्नर रहे। तब बंडारू दत्तात्रेय को पहली बार गवर्नर बनाया गया था।

दत्तात्रेय ने चार बार लोकसभा चुनाव जीते और तीन बार केंद्रीय मंत्री रहे।

केंद्र सरकार में बंडारू दत्तात्रेय तीन बार मंत्री और चार बार सांसद चुके हैं। दत्तात्रेय का जन्म 12 जून 1947 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ था। दत्तात्रेय ने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से बीएससी साइंस डिग्री प्राप्त की। 1965 में वह NSS में शामिल हुए और आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिया गया। 1991 में, बंडारू दत्तात्रेय ने पहली बार बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीता और सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। इस बीच, 1997 में उन्हें तेलंगाना राज्य इकाई का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। 1998 में दत्तात्रेय फिर से सिकंदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतने पर केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बने।

1999 में चुनाव जीता

1998 के बाद 1999 में मध्यावधि चुनाव में बंडारू दत्तात्रेय ने फिर से जीत हासिल की और केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बन गए। बाद में वह 2002 से 2003 तक केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रहे, फिर 2003 से 2004 तक केंद्रीय शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री रहे। 2004 और 2009 में वह लोकसभा चुनाव हार गया था। 2013 में बंडारू दत्तात्रेय को बीजेपी ने पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया था। इसके बाद, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बंडारू दत्तात्रेय ने मई 2014 में अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता। बाद में वह मोदी सरकार में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बने, जिसमें वह अकेले तेलंगाना से मंत्री बने। 2019 में, बंडारू दत्तात्रेय को हिमाचल प्रदेश का गवर्नर बनाने के बाद सक्रिय राजनीति से बाहर कर दिया गया।

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