22 जनवरी को घर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें? पंडित जी से सरल उपाय, मंत्र और पूजा सामग्री जानें

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूरी तैयारी चल रही है। पूजा पाठ और हवन भी हो रहे हैं। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन पूजा करने वाले लोगों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से पूछें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें? रामलला को श्रद्धांजलि देने का सबसे आसान तरीका क्या है? रामलला का मंत्र क्या है? भगवान राम को पूजना चाहिए क्या?

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए घर पर छोटी मूर्ति का चयन करें। धातु, पत्थर या मिट्टी की मूर्ति हो सकती है। मूर्ति क्षतिग्रस्त और तेजहीन न हो। सुंदर मूर्ति चुनना चाहिए।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय 12 बजे 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजे 30 मिनट 32 सेकंड है। शुभ समय में रामलला को सबसे पहले स्नान कराएं।

पंचामृत से श्रीराम को अभिषेक करें। पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं उसके लिए मंत्र है। पढ़ें पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम॥ फिर जल से स्नान करते समय मंत्र शुद्ध जल स्नान समर्पयामि का उच्चारण करें।

फिर रामलला को कपड़े पहनाएं और उनका वस्त्र पहनाएं। चंदन, फूल, माला, इत्र, मुकुट, धनुष, बाण और इतने से उनको सुशोभित करें। फिर पूजा स्थान पर चांदी का सिंहासन रखें।

अब दाहिने हाथ से मूर्ति को ढक दें। अस्यै प्राणा प्रतिष्ठंतु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च॥ मामहेति च कश्चन अस्यै देवत्वम् आचार्यै मामहेति च कश्चन॥ श्रीरामचंद्र देवता सुप्रतिष्ठित वरदे भवेताम्। रामलला को सिंहासन पर प्रतिष्ठित करें, मंत्र बोलकर और अक्षत लगाकर।

यदि आपको मंत्र याद नहीं है या पढ़ने में कठिनाई होती है, तो बस राम नाम का जप करें। या श्री रामाय नम:, श्री राम भद्राय नम:, श्री रामचंद्राय नम: या श्री सीतारामाभ्याम नम: का जाप करें।

रामलला को पूर्व या पश्चिम की ओर करके रखें। उनकी पूजा करने के लिए सुगंधित सफेद पुष्प का उपयोग करें। पूजा सामग्री में फूल, माला, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, बत्ती, कपूर, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि शामिल करें।

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