सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर एक बयान देते हुए कहा कि अगर यह गिरफ्तारी गैरकानूनी साबित होती है तो यह फैसला मील का पत्थर होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने मामले को बड़ी बेंच को भेजा है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर कहा, “अगर पीएमएलए के तहत मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाता है, तो यह पूरे देश में इस कानून के दुरुपयोग के लिए एक बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और कई लोग इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं।” उनका कहना था कि उम्मीद है कि यह निर्णय हमारे देश के संविधान को मजबूत करेगा।”
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल 90 दिन जेल में में बिताए हैं। वह एक निर्वाचित नेता हैं। यह उन पर निर्भर करता है कि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं या नहीं। ईडी की गिरफ्तारी मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली है। सीबीआई मामले पर अभी भी सुनवाई होनी है। अरविंद केजरीवाल मामले को तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी।
धनशोधन मामले पर आज शीर्ष न्यायालय का फैसला
दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का फैसला सुनाया जाएगा। 12 जुलाई को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर पोस्ट की गई सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ फैसला सुनाएगी। 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा। पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल हैं। 21 मार्च को केजरीवाल को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था।