
Basant Panchami: 14 फरवरी को वसंत पंचमी है, जो विद्या और संगीत की देवी को समर्पित है। कल पूरी तरह से माँ सरस्वती की पूजा की जाएगी।
Basant Panchami Pooja: बसंत पंचमी का त्योहार हर साल फरवरी में मनाया जाता है। ये पर्व विद्या और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। इस दिन माँ सरस्वती को पूरी तरह से पूजा जाएगा। 14 फरवरी को बसंत पंचमी, बसंत के आगमन का दिन है। मंगलवार से बुधवार की दोपहर तक बसंत पंचमी का पूजा मुहूर्त रहेगा। यह समय कई शुभ कार्यों को करने के लिए सबसे अच्छा है। आइए जानते हैं बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और उपाय-
सरस्वती माँ की पूजा-विधि
प्रातः स्नान करके पीला, बसंती या सफेद वस्त्र पहनकर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति रखें। पहले कलश बनाएँ। गणेश जी और नवग्रहों की पूजा करने के बाद मां को सफेद और पीले फूल देकर श्रद्धापूर्वक सरस्वती मंत्र का जाप करें। बेसन के लड्डू, पीली या सफेद मिठाई, केला, आदि देकर माँ को आरती करें।
बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त
13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे बसंत पंचमी का पूजा मुहूर्त शुरू होगा और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक चलेगा। कल पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 7 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा।
विद्यार्थियों के लिए खास उपाय
विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के दिन ऊं ऐं सरस्वती नमः का जाप करना चाहिए। इससे उन्हें विवेक, बुद्धि और विद्या का लाभ मिलेगा।
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बसंत पंचमी महत्व
ज्योतिषाचार्य अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि इस बार बुधवार 14 फरवरी को बसंत पंचमी होगी। इस खास उत्सव पर मां सरस्वती के अलावा माता रति और कामदेव भी पूजे जाते हैं। बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिन और रति और कामदेव के धरती पर आगमन के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन दंपति रति और कामदेव का पूजन करते हैं, ताकि उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी न हो। मान्यता है कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करने और उपवास करने वाले लोगों पर उनकी विशेष कृपा होती है।
निर्देश: हम इस लेख में दिए गए विवरणों को पूरी तरह से सटीक और सही नहीं मानते। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें अगर आप अधिक जानकारी चाहते हैं।