CM Naib Saini ने शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के राज्यस्तरीय सम्मेलन में घोषणा की
CM Naib Saini ने कहा कि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के पार्षदों को अधिक अधिकार मिलेंगे और बैठक भत्ता लागू होगा। उनका कहना था कि पार्षद वार्ड का बजट बना सकेंगे और इसके लिए वार्ड कमेटी होगी।इस कमेटी के गठन होने तक, संबंधित वार्ड के पार्षद पूरी तरह से कमेटी का अधिकारी होगा।
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रणबीर ऑडिटोरियम में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के नेतृत्व में एक समिति बनाने की भी घोषणा की. इस समिति को नगर निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने का काम करना होगा। उनका कहना था कि समिति जल्द ही सभी से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा, स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, हांसी विधायक विनोद भयाना, बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्षद को किसी भी ग्रेजुएट से बैठक की कार्यवाही बनाने के लिए 1000 रुपये प्रति बैठक का पारिश्रमिक देने का अधिकार भी होगा जब तक वार्ड कमेटी में सचिव की नियुक्ति नहीं होती या सचिव किसी भी कारण से बैठक से अनुपस्थित नहीं होते। साथ ही, वार्ड कमेटी की हर तिमाही बैठक में पार्षद को चेयरमैन बैठक भत्ता भी मिलेगा। नायब सिंह ने कहा कि अब से नगर पालिका के पार्षद को तिमाही बैठक में शामिल होने के लिए 1600 रुपये का बैठक भत्ता मिलेगा। नगरपालिका पार्षदों को 2400 रुपये और नगर निगम पार्षदों को 3000 रुपये की भत्ता दी जाएगी। इसके अलावा, 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री के आगमन पर नगर निगम को 30 हजार रुपये, नगर परिषद पार्षद को 20 हजार रुपये और नगर पालिका पार्षद को 10 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। अब विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारियों को भी वार्ड कमेटी की बैठक में उपस्थित होना होगा। आयुष्मान भारत-चिरायु योजना भी पालिकाओं के पार्षदों को चिकित्सा सुविधाएं देगी। शहरों की सरकार को बताते हुए, उन्होंने पार्षदों को बताया कि वर्तमान राज्य सरकार शहरों और कस्बों में आधारभूत सरंचना को मजबूत करने पर विशेष बल दे रही है।
जिनके खुद के खाते खराब हैं वो हमारा हिसाब लिए फिरते हैं
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि विपक्ष आज हमसे हिसाब मांगता है, जबकि जनता ने ही उन्हें तीसरी बार विपक्ष में बैठाकर हिसाब दिया है। शायराना ढंग से उन्होंने कहा, “वे दिल में कसक और चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं, जिनके खुद के खाते खराब हैं, वे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं।”
उनका कहना था कि हमारी सरकार मेरिट पर नौकरी दे रही है, जबकि पिछली सरकार में पैसे वाले लोग नौकरी पाते थे।
कपास की फसलों में हुए नुकसान के लिए मुआवजा जारी
हरियाणा सरकार ने खरीफ-2023 में कपास में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 65 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रभावित किसानों को दिया है। बृहस्पतिवार को सरकार ने मुआवजा राशि घोषित की। साथ ही, सरकार ने कृषि उपकरण खरीदने के लिए किसानों को 101 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी दी है। यह धन सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा गया है। बृहस्पतिवार को राज्य के कृषि मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि किसानों की कपास की फसलों में कलस्टर के सात जिलों (अंबाला, हिसार, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़ व सोनीपत) में नुकसान हुआ है। किसानों का नुकसान भरने के लिए सरकार ने हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लागू की है। 15 हजार 314 प्रभावित किसानों को इसके तहत 65 करोड़ रुपये का मुआवजा भेजा गया है।