डॉ. बलजीत कौर: पंजाब सरकार ने पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ₹12.66 करोड़ जारी किए

डॉ. बलजीत कौर: आशीर्वाद योजना के तहत 15 जिलों के 2483 लाभार्थियों को मिलेगा लाभ

डॉ. बलजीत कौर: मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कही। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत पिछड़ी श्रेणियों के लाभ के लिए 12.66 करोड़ रुपए जारी किए हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आशीर्वाद योजना के अंतर्गत बरनाला, फरीदकोट, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, मानसा, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, संगरूर, मलेरकोटला और तरनतारन जिलों के लाभार्थियों को राशि जारी की गई है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान आशीर्वाद पोर्टल के माध्यम से प्राप्त पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लंबित आवेदनों को कवर करेगी। पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित 2483 लाभार्थियों के लिए कुल ₹12.66 करोड़ मंजूर किए गए हैं।

डॉ. बलजीत कौर ने जिलावार ब्यौरा देते हुए बताया कि लाभार्थियों में बरनाला से 45, फरीदकोट से 19, फिरोजपुर से 198, फतेहगढ़ साहिब से 82, फाजिल्का से 175, गुरदासपुर से 656, होशियारपुर से 277, जालंधर से 34, मानसा से 102, पटियाला से 144, रूपनगर से 5, एसएएस नगर से 3, संगरूर से 38, मलेरकोटला से 60 और तरनतारन से 645 शामिल हैं।

उन्होंने आगे बताया कि आशीर्वाद योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक पंजाब का स्थायी निवासी होना चाहिए, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित होना चाहिए और अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कुल वार्षिक पारिवारिक आय ₹32,790 से अधिक नहीं होनी चाहिए, और ऐसे परिवारों की अधिकतम दो बेटियाँ इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है।

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