Mahakumbh Stampede: CM ने बताई पूरी बात, महाकुंभ भगदड़ पर भोर से जारी मैराथन बैठक; प्रधानमंत्री मोदी ने लिया अपडेट

Mahakumbh Stampede: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से प्रयागराज महाकुंभ में चल रहे राहत और बचाव कार्यों पर नज़र रखी और अधिकारियों से नियमित रूप से जानकारी लेते रहे। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार बार फोन पर उनसे बात की, राहत कार्यों और महाकुंभ हादसे के बाद की स्थिति को जानने के लिए।

CM Yogi Adiyanath Meeting on Mahakumbh Stampede: मुख्‍यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में रात एक बजे हुई भगदड़ को लेकर लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। भोर में चार बजे से मैराथन बैठक जारी है। मुख्य सचिव, डीजीपी और उत्तर प्रदेश शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री ने लखनऊ से प्रयागराज महाकुंभ में चल रहे राहत और बचाव कार्यों पर नज़र रखी और अधिकारियों से नियमित रूप से सूचना प्राप्त की। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार बार फोन पर उनसे बात की, ताकि उन्हें महाकुंभ हादसे के बाद की स्थिति और राहत कार्यों के बारे में बताया जा सके। मुख्यमंत्री से फोन पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बात की।

PM और केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को हर संभव सहायता प्रदान की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ भगदड़ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में लोगों से कहा कि वे संगम नोज पर न जाएं। जहां आप हैं, वहीं स्नान करें। CM ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने और उन पर ध्यान नहीं देने की अपील की। इस बीच, उन्होंने मीडिया से व्यापक बातचीत की है।

CM योगी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में बहुत सारे लोग हैं। इस समय प्रयागराज में लगभग आठ से दसवीं करोड़ श्रद्धालु उपस्थित हैं। कल भी साढ़े पांच करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान करते थे। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में संगम नोज पर जाने के कारण वहां भारी दबाव बना हुआ था, लेकिन पूरा प्रशासन मौके पर है। रात में एक से दो बजे के बीच में अखाड़ा मार्ग पर, जहां पर अखाड़ों का अमृत स्नान देखा जा सकता था, कुछ लोगों ने बैरिकेडिंग फांदने की कोशिश की, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार किया गया है। कुछ भक्त गंभीर रूप से घायल हैं। रात को साढ़े छह सात बजे से मौनी अमावस्या शुरू होने के बाद से, प्रशासन लगातार स्थानीय स्तर पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए लगा हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने प्रातः काल से ही लगभग चार बार प्रयागराज में महाकुंभ में श्रद्धालुओं के सकुशल स्नान करने और अमृत स्नान के लिए देश भर से आए हुए श्रद्धालुओं की कुशलता पर चर्चा की है। केंद्रीय गृह मंत्री, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी निरंतर जानकारी ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान को लेकर सुबह से ही उच्चस्तरीय बैठक चल रही है. इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह, एडीजी लॉएंड आर्डर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन भीड़ लगातार दबाव डालती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से खुद भी बातचीत की है। विभिन्न पूज्य संतों और आचार्य महामंडलेश्वरों से भी चर्चा हुई है। पूज्य संतों ने बहुत विनम्रता से कहा कि श्रद्धालुजन पहले स्नान करेंगे और फिर जब उनका दबाव कम हो जाएगा और वे सकुशल वहां से निकल जाएंगे, तो वे संगम की ओर जाएंगे। चूंकि पहले श्रद्धालु देश भर से आए हैं, अखाड़े इसके लिए सहमत है और सभी इसमें शामिल हैं। हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें अब तक सुबह साढ़े आठ बजे तक तीन करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। लेकिन संगम नोज, अखाड़ा और नागवासुकि मार्ग पर लगातार दबाव है।

वहां पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि प्रदेशवासियों, देशवासियों, सभी श्रद्धालुओं और पूज्य संतों से भी अनुरोध किया जाता है कि अफवाह पर कोई ध्यान न दें। संयम रखें। ये आयोजन सभी का है। उनकी सेवा में प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है। केंद्रीय और राज्य सरकारें पूरी शक्ति के साथ वहां पर सभी प्रकार का सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी संदेह पर ध्यान नहीं देंगे। कोई भी व्यक्ति नकारात्मक अफवाह फैलाने की कोशिश कर सकता है, जिससे नुकसान हो सकता है। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके स्थान पर लगभग पंद्रह से बीस किलोमीटर की दूरी पर स्नान करने के लिए स्थाई घाट बनाए गए हैं। संगम नोज में अकेले आना आवश्यक नहीं है क्योंकि भीड़ देखते हुए, खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और सांस के रोगियों को लंबी दूरी तय नहीं करनी चाहिए। यही कारण है कि जहां आप पहले हैं, वहीं स्थिर होकर काम करें, और अगर स्नान करने का स्थान नजदीक है, तो वहीं स्नान करें। यह सब गंगा के घाट हैं। गंगा घाट पर स्नान करने से वही पुण्य मिलेगा। मौनी अमावस्या पर स्नान बहुत महत्वपूर्ण है। संगम नोज पर बहुत दबाव है, इसलिए अगर सभी लोग इसमें सहयोग करेंगे तो हम सभी श्रद्धालुओं को सकुशल स्नान कराने में सफल होंगे और फिर पूज्य संत भी अमृत स्नान करेंगे।

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