Swati Maliwal: मैं अब कुछ नहीं हूँ, कृपया न्याय दीजिए; भावुक होकर मालीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट से ऐसा क्यों कहा?

Swati Maliwal की पिटाई मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हुई। इस दौरान स्वाति मालीवाल ने भावुक होकर कहा कि वह बिना पार्टी की सांसद हैं। विभव मामले में उन्हें न्याय मिले।

Swati Maliwal की पिटाई के मामले में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को सुरक्षित रखा है, जो 12 जुलाई को सुनाया जाएगा। सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद मालीवाल ने कहा कि मैं अब कुछ नहीं हूं क्योंकि मैं बिना पार्टी के सांसद हूँ। पार्टी से मुक्त सांसद क्या कर सकते हैं?

सीएण के सहयोगी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति ने हाईकोर्ट को बताया कि, उन्होंने ‘पूरे जीवनभर जो काम किया उसे एक तरह से उनसे छीन लिया गया है’ क्योंकि कुमार ने उनके साथ ‘बुरी तरह से मारपीट’ की थी। मई में सीएम आवास पर मालीवाल पर कथित हमले से संबंधित मामले में, हाईकोर्ट ने कुमार की जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। आदेश शुक्रवार को सुनाया जाएगा, जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की एकल पीठ ने कहा।

कोर्ट रूम में मालीवाल ने कहा, ‘मुझे पीए (कुमार) ने मेरे साथ बुरी तरह से मारपीट की.’ यह बहुत भयानक था। मुख्यमंत्री ने फिर पीए के पक्ष में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि मैं किसी दूसरी पार्टी का एजेंट हूं… यह सच नहीं है।उसने आगे कहा कि उन्हें ‘खतरनाक सोशल मीडिया ट्रोलिंग’ का सामना करना पड़ा और उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा था।’

फिर उन्होंने कहा, ‘फिलहाल पार्टी में हर कोई इस आदमी (कुमार) को बताता है..। जहां तक मेरी बात है, मैं अब किसी भी पार्टी का सांसद नहीं हूँ, इसलिए मैं कुछ भी नहीं हूँ…। मेरी एकमात्र विनती है कि मुझे न्याय मिले।कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि याचिकाकर्ता पिछले 54 दिनों से जेल में है, जबकि सभी ‘आवश्यक जांच’ पूरी हो चुकी हैं। स्वाति ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 16 मई को ही सभी सबूत प्राप्त किए हैं।

राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि कुमार को जमानत न देना ऐसे मामले में ‘पूर्व-परीक्षण दंड’ के समान होगा, जहां धारा 308 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) के तहत अपराध नहीं बनता है। हरिहरन ने आगे कहा, ‘इस तरह की कोई घटना (हमला) नहीं हुई। वह एक मौजूदा सांसद हैं और यह बेहद अकल्पनीय है कि बिना किसी कारण के राजनीतिक सचिव उन्हें पीटने का विकल्प चुनेंगे।’

Exit mobile version