Yoga For Uric Acid Control: यूरिक एसिड को घरेलू उपायों और दवा के बिना भी दूर किया जा सकता है; बस हर दिन ऐसा करना होगा।
Yoga For Uric Acid Control: शरीर में बढ़ रहे यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए घरेलू तरीके भी हैं, जो दवा नहीं लेते हैं। इसके लिए हर दिन काम करना होगा। जानिए हाई यूरिक एसिड को कैसे घटाएं?
Yoga For Uric Acid Control: सर्दियों में शारीरिक व्यायाम कम होने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। दरअसल, दब शरीर में प्यूरीन की मात्रा ज्यादा होने लगती है जो इससे समस्या पैदा होती है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। अनहेल्दी खाना भी यूरिक एसिड को बढ़ाता है। जिसकी वजह से ठंड, जोड़ों में दर्द और घुटनों में दर्द हो सकता है। इसके लिए लोग दवा खाते हैं। कुछ लोग घरेलू उपायों का उपयोग करते हैं। लेकिन आप बिना दवा और घरेलू उपाय के भी यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए रोजाना योगाभ्यास करें। योग की कुछ ऐसी मुद्राएं हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करती हैं। जानिए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कौन सा योग करना चाहिए?
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए योग
भुजंगासन (Cobra pose)- यह एक स्थिति है सूर्यनमस्कार के बारह योगासनों में से एक भुजंगासन है। इसे करने से मसल्स मजबूत होती हैं। इस संयोजन से पेट पर प्रेशर पड़ता है, जो वजन घटाने में मदद करता है और शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करता है।
सेतुबंधासन (Bridge pose)- इस अभ्यास से कोर मसल्स मजबूत होती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर में जमा टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं। स्ट्रेस को कम करने और शरीर को एक्टिव रखने में मदद मिलती है। सेतुबंधासन करने से यूरिक एसिड भी कम होता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Spinal half twist)- रोजाना इस अभ्यास को करने से शरीर विषैले पदार्थों से छुटकारा पाता है और शरीर को डिटॉक्स करता है। यह भी यूरिक एसिड को कम करता है। इस योगासन को करने से पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है, जो ऐंठन और दर्द को कम करता है।
सुखासन (Easy pose)- इस योगासन को करने से बॉडी काफी रिलैक्स होती है। इससे आपके खराब पोश्चर में सुधार आता है और डाइजेशन भी बेहतर बनता है। शरीर में पाए जाने वाले अतिरिक्त यूरिक एसिड को भी निकालने में मदद करता है। खास बात ये है कि इस योग को नियमित रूप से करने से तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद मिलती है।