रजिस्ट्री को गृहमंत्री का निजी सचिव बनाने से रोका गया, कारोबारी से 12 लाख रुपये ऐंठे; धोखाधड़ी के मामले में पति-पत्नी गिरफ्तार

मथुरा के एक कारोबारी से धोखाधड़ी करके गृह मंत्री का निजी सचिव बनने का मामला सामने आया है। कारोबारी की फर्म को आरोपियों ने बंद कर दिया था। इसके बदले १२ लाख रुपये ठगे गए।

यूपी के मथुरा के एक कारोबारी से ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने कारोबारी की फर्म की रजिस्ट्री को रोका और फिर वारदात की। स्पेशल सेल ने शिकायतकर्ता आशीष कोहली के बयान पर मामला दर्ज कर दो आरोपियों (एक महिला भी) को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, निजी सचिव की खोज जारी है।

आशीष कोहली का कारोबार मथुरा में होता है। 2023 में, वह अपनी फर्म की रजिस्ट्री करवाने के लिए रजिस्ट्रार से मिल गया। वहां पता चला कि गृहमंत्री के निजी सचिव ने रजिस्ट्रार को फोन करके रजिस्ट्री को बंद कर दिया है। जब रजिस्ट्रार ने मोबाइल नंबर दिया, तो व्यक्ति ने खुद को गृहमंत्री का निजी सचिव बताया। उसने बताया कि यह रजिस्ट्री कानून मंत्री के सलाहकार नितिन गुप्ता के निर्देश पर स्थगित की गई है।

बाद में नितिन गुप्ता ने फोन कर उन्हें दिल्ली भेजा। उसने कहा कि वह कानून मंत्री का सलाहकार है। यहां उसने वरुण चौहान (असली नाम) को गृहमंत्री का निजी सचिव बताया। वहीं, शिखा गुप्ता को बताया गया कि वह गृहमंत्री के निजी सचिव का सचिव है। उन्हें यह प्रतिबंध हटाने के लिए बारह लाख रुपये की मांग की गई। उन्होंने आशीष को झांसे में लेने के लिए 12 अप्रैल का फर्जी न्यायालय का आदेश भी दिखाया। पीड़ित कारोबारी ने उन पर विश्वास करने के कारण यह राशि दी। बाद में ठगी का पता चला तो उन्होंने मामले को स्पेशल सेल में शिकायत की।

आरोपियों को जमानत नहीं मिली

नितिन गुप्ता और उसकी पत्नी शिखा गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, वरुण चौहान, जो वर्तमान में गृहमंत्री का निजी सचिव बनना चाहता है, फिलहाल फरार है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने आरोपी वरुण चौहान और आरोपी शिखा गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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