हल्द्वानी हिंसा: एक दिन के ‘मेहमान’ की हत्या, प्रकाश के सिर में तीन गोली मार दी

रोजगार की तलाश में पहली बार हल्द्वानी आया था, वनभूलपुरा की हिंसा में जान गंवाने वाले बिहार के प्रकाश हादसे से एक दिन पहले। प्रकाश को हिंसा के दौरान पीछे से तीन गोलियां मार दी गईं।

रोजगार की तलाश में पहली बार हल्द्वानी आया था, वनभूलपुरा की हिंसा में जान गंवाने वाले बिहार के प्रकाश हादसे से एक दिन पहले। प्रकाश के जीजा अंकित कुमार सिंह ने रविवार को उसका शव लेने पहुंचे। उन्हें बताया गया कि प्रकाश बिहार से उत्तराखंड पहुंचा था और घरवालों की मदद करने का लक्ष्य रखता था। वह परिवार को जीवन भर का दर्द दे गया, लेकिन वह उनकी मदद नहीं कर सका। दो दिन बाद वनभूलपुरा में नौ फरवरी की रात हिंसा के दौरान मारे गए प्रकाश का परिवार हल्द्वानी पहुंचा। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव उनके पास पहुंचा।

गौलापुल के पास मिला था शव

9 फरवरी की सुबह गौलापुल के पास एक युवक का शव मिला। जब पुलिस ने शिनाख्त की तो पता चला कि उसका नाम प्रकाश है, लेकिन परिवार के बारे में कुछ नहीं पता चला। उसकी जेब से कुछ दस्तावेज और मंगलसूत्र मिले। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखकर परिजनों की तलाश की।प्रकाश परिवार का सबसे बड़ा बेटा था, लेखक ने बताया। उसका छोटा भाई और पांच बहनें हैं। तीन बहनों का विवाह हो चुका है। प्रकाश ने अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण दूसरा काम खोजने के लिए हल्द्वानी आया।

9 फरवरी से परिवार से नहीं हो पाई थी बात

शव लेने पहुंचे प्रकाश के बहनोई अंकित ने बताया कि उसका नाम प्रकाश कुमार सिंह था और वह बिहार के भोजपुर आरा जिले के छीनेगांव में रहता था। परिवार को पालने के लिए पिता सामदेव सिंह और मां इंदू देवी दूसरे की बटाई पर काम करते हैं। प्रकाश ने आठ फरवरी को स्नातक पास करने के बाद पहली बार नौकरी की तलाश में उत्तराखंड आया था। हल्द्वानी पहुंचने के बाद से उसकी परिवार से कोई बातचीत नहीं हुई थी। 9 फरवरी से लगातार घर वाले फोन कर रहे थे लेकिन कोई कॉल नहीं आया। 10 बजे प्रकाश के बहनोई ने फोन किया, जिसे मेडिकल चौकी पुलिस ने उठाया और मौत की सूचना दी। रविवार को अंकित नोएडा से अपने एक दोस्त के साथ हल्द्वानी पहुंचे।

सिर के पिछले हिस्से में लगीं तीन गोलियां

प्रकाश के सिर में पीछे तीन गोलियां लगी हैं। सूत्रों ने बताया कि गोलियां लगभग डेढ़ इंच अंदर तक लगी हैं। तीनों भी एक जगह पर हैं। माना जाता है कि प्रकाश को बहुत दूरी से गोली नहीं मारी गई है। किसकी बंदूक से यह गोलियां निकलीं, यह अभी भी एक रहस्य है। प्रकाश के रिश्तेदारों ने बताया कि वह शादी नहीं कर चुकी थी। पोस्टमार्टम से पहले पुलिस ने उसकी तलाशी में मंगलसूत्र सहित कुछ भी मिला था। अब सवाल यह है कि वह मंगलसूत्र कहां से उसके पास आया?

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