Atishi Marlena: दिल्ली में पांच हजार शिक्षकों के स्थानांतरण का आदेश वापस लिया गया है। इसका आदेश शिक्षा विभाग ने जारी किया है।
Atishi Marlena: दिल्ली में पांच हजार शिक्षकों के तबादले का आदेश वापस लिया गया है। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। 2 जुलाई को दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बताया कि 5000 से अधिक शिक्षकों के ट्रांसफर के आदेश को वापस लिया गया है। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को भी घेर लिया। उनका दावा था कि LG साहब ने भाजपा को दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने के लिए हज़ारों शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन दिल्ली वालों के संघर्ष के कारण, यह षड्यंत्र फेल हो गया। उनका कहना था कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए केजरीवाल सरकार प्रतिबद्ध है, चाहे इसके लिए कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े।
आतिशी ने पहले ही मुख्य सचिव को कहा था कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 10 साल से अधिक समय से पढ़ा रहे पांच हजार शिक्षकों के अनिवार्य तबादले पर तुरंत रोक लगा दी जाए। यह निर्देश शिक्षा मंत्री ने तबादले में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दिया था।
उनका कहना था, ‘‘यह आदेश पूरी तरह से गलत और शिक्षा विरोधी है। यह पिछले दस वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बदलने वाले शिक्षकों की मेहनत को कमजोर करता है।
शिक्षा निदेशालय के शिक्षण कर्मचारियों के तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सभी शिक्षकों को 10 साल से अधिक समय तक एक स्कूल में काम करने का निर्देश दिया गया था। 11 जून को शिक्षा निदेशालय ने कहा, ‘‘एक ही विद्यालय में लगातार 10 साल पूरे कर चुके सभी शिक्षकों को आपसी सहमति या सामान्य रूप से अधिकतम संख्या में विद्यालयों का चयन करने के आधार पर तबादले के लिए अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।” ऑनलाइन आवेदन नहीं करने वाले शिक्षकों को मुख्यालय द्वारा किसी भी स्कूल में तबादला दिया जाएगा।
एक जुलाई को आतिशी ने कहा कि किसी भी शिक्षक को सिर्फ इसलिए नहीं बदला जाना चाहिए कि उन्होंने दस वर्ष से अधिक समय तक किसी विशेष स्कूल में बिताया है। आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे जानते हैं कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक, विशेषकर गरीब परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा “ये बच्चे अधिकतर पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं, जिन्हें घर पर कोई शैक्षणिक सहायता नहीं मिलती।इन बच्चों के लिए उनके शिक्षक ही उनके एकमात्र शैक्षणिक मार्गदर्शक हैं। शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी उल्लेख किया, जो शिक्षकों के बड़े पैमाने पर या बार-बार तबादले को रोकता है। उनका कहना था कि शिक्षा की गुणवत्ता, खासकर कमजोर विद्यार्थियों के लिए, बनाए रखने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति में स्थिरता आवश्यक है। साथ ही, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता ने तबादले की प्रक्रिया में ‘भ्रष्टाचार’ का मुद्दा उठाया।
“ऐसी चिंताजनक खबरें हैं कि तबादलों को रोकने के लिए रिश्वत ली गई है,” उन्होंने कहा। यह बहुत चिंताजनक है क्योंकि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार हमारे बच्चों के भविष्य को खतरा बना रहा है।‘’ मंत्री ने इन आरोपों की तत्काल जांच करने की मांग की और रिश्वत लेने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन लोगों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वे शिक्षकों को सहायता देंगे और राजधानी में शिक्षा प्रणाली में सुधार करेंगे। आतिशी ने कहा “हम अपने शिक्षकों का सम्मान करेंगे और उनके अधिकारों या अपने बच्चों की शिक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे। इन समर्पित शिक्षकों की वजह से ही हमारे सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।’’