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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 10वें अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में भाग लिया

श्री शिवराज सिंह चौहान: योग एक सुखी स्वस्थ और संपूर्ण जीवन जीने की कला और विज्ञान है

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने  10वें अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत रत्न सी ऑडिटोरियम, एनएएससी कॉम्पलेक्स, पूसा परिसर नई दिल्ली में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में भाग लिया। कृषि राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर व श्री भागीरथ चौधरी  एवं किसान कल्याण सचिव श्री मनोज आहूजा, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सविच व भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के महानिदेशक श्री हिमांशु पाठक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योग एक सुखी स्वस्थ और संपूर्ण जीवन जीने की कला और विज्ञान है। योग भारत की अभूतपूर्व देन है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता संभालने के बाद योग को दुनिया में प्रतिष्ठित किया। इसी कारण अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाना प्रारंभ हुआ। हमारे कई संत और ऋषि हैं जो योग को प्रचारित करने के लिए विश्वभर में निरन्तर काम कर रहे हैं। हमें भी स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग को स्वयं से जोड़ लेना चाहिए। योग आम लोगों के शरीर को स्वस्थ बनाने से लेकर मन को प्रसन्न करने व आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का साधन है। शरीर अगर स्वस्थ नहीं रहेगा फिर चाहे आप कितने भी विद्वान हों आप ठीक से काम नहीं कर सकते। अपने शरीर को स्वस्थ रखना व मन को प्रसन्न रखना पहली शर्त है।

 

श्री चौहान ने कहा कि यहां उपस्थित कई वैज्ञानिक मित्रों से मेरा आग्रह है कि योग को केवल 21 जून को ही नहीं बल्कि अपने जीवन में रोज़ अपनायें। योग की पहली शर्त है यम और नियम] अनुशासित जीवन] संयमित जीवन] खान-पान का सही तरीका होना जरूरी है। हमारे यहां आर्युवेद में कहा जाता है कि हितबुक-शरीर के लिए हितकारी] मितभूख – भूख से कम खायें] रितबुक – मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फल-सब्जियों का सेवन करना। उन्होंने कहा कि हम सभी इतना तय करें कि रोज़ योग करें] प्रसन्न रहें। 21 जून इसलिए योग दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि ये सबसे बड़ा दिन होता है] इसके बाद सूर्य दक्षिणायण हो जाता है। हमारी भारतीय विद्या योग को आज संपूर्ण विश्व ने अपनाया है।

 

source: https://pib.gov.in/

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