Arvind Kejriwal ने महिला हिंसा को चिंता का विषय बताया, कहा- अब इस पर…

Arvind Kejriwal ने कहा कि सोमवार को महिला अदालत में सभी महिलाओं के साथ इस मसले पर चर्चा करूंगा. जिनके कंधों पर कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है, वे इसे जरूर

सोमवार (16 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwalने एक एक्स पोस्ट में दिल्ली में बढ़ते महिला अपराध को चिंता का विषय बताया। इसके बारे में बोलने का समय आ गया है। इसके लिए पूरी दिल्ली को एकजुट होना होगा।

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “कुछ देर बाद त्यागराज स्टेडियम में आयोजित महिला अदालत में हिस्सा लूंगा. महिला अदालत में सभी महिलाओं के साथ ही इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा। जिनके कंधों पर कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है, विशेषकर उन्हें ये कार्यक्रम जरूर देखना चाहिए.

अरविंद केजरीवाल ने पहले भी विजय दिवस पर भारतीय सेना के बलिदान को याद किया। उन्हें आज के दिन को गौरव का दिन बताया और अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

सोमवार, 16 दिसंबर को आप प्रमुख ने एक ट्वीट लिखा, “16 दिसंबर 1971 भारतीय इतिहास में वो दिन है, जब भारतीय सेना ने अपने शौर्य से पाकिस्तान को घुटनों पर झुका दिया।”विजय दिवस पर हमारे अमर शहीदों और वीरों को नमन, जिनके बलिदान और वीरता से भारत के नाम गौरव का यह पल जुड़ा. जय हिंद.”

पाकिस्तान ने बिना शर्त किया था आत्म समर्पण

दरअसल, विजय दिवस (16 दिसंबर) भारत के लिए बहुत गर्व का दिन है. यह 1971 के लड़ाई में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत की याद दिलाती है. यह युद्ध 13 दिनों में समाप्त हो गया था. इस युद्ध में पाकिस्तान ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था. भारत की इस जीत का नतीजा यह निकला कि बांग्लादेश वैश्विक पटल पर नए राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आया।

विजय दिवस यह न्याय, शांति और मानवता के प्रति भारत के समर्पण को उजागर करने वाला एक निर्णायक पल है।

16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाजी ने ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी और फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा जैसे सैन्य योद्धाओं के नेतृत्व में भारत ने असाधारण रणनीतिक और सैन्य उत्कृष्टता का प्रदर्शन आजादी के बाद विश्व पटल पर किया था।

विजय दिवस सेना के जज्बे का प्रतीक

पाकिस्तान पर भारत की जीत ने दक्षिण एशिया की भू-राजनीति महत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए देश के संकल्प का प्रतीक भी बना।

विजय दिवस भारतीय सेना के साहस, बलिदान और रणनीतिक जज्बे की याद दिलाता है. यही वजह है कि आज के दिन देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को सम्मान में नई दिल्ली में नेशनल वार मेमोरियल पर विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हर साल होता है।

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