Governor Mangubhai Patel महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड वि.वि. छतरपुर के चौथे दीक्षांत समारोह में हुए शामिल

Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं उपाधियां प्रदान की

  • भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि
Governor Mangubhai Patel महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। राज्यपाल श्री पटेल ने समारोह में विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रकाशनों का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल ने समारोह के सारस्वत अतिथि एवं नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को एमसीबीयू डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से विभूषित किया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि तेजी से बदलते आज के तकनीकी युग की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में निरंतर ज्ञान की खोज समय की जरूरत है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन में नए अवसरों को प्राप्त करने और नई चुनौतियों के समाधान खोजने में अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर अपडेट करते रहें। सपने साहस और धैर्य से साकार होते हैं। जरूरत है तो बस असफलता से सीख कर, स्वयं में बदलाव करते हुए आगे बढ़ने की। उन्होंने गुरूजनों से कहा कि जीवन में सफलता के लिए कठोर अनुशासन, भरपूर आत्म-विश्वास और संवेदनशील व्यक्तित्व होना जरूरी है। आपकी प्रतिभा, ज्ञान और कौशल से किए गए कार्यों की सार्थकता समाज की अंतिम कड़ी के वंचित व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने में ही है। 

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ते हुए आपको सफलता के पथ तक पहुँचाने वाले माता-पिता, गुरुजनों की साधना, त्याग और समर्पण को कभी नहीं भूलें। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी की और मौलिक प्रतिभा को बढ़ाते हुए, ज्ञान और संस्कार से दीक्षित कर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को राष्ट्र एवं समाज सेवा के लिए सक्षम बनाएं। उन्होंने युवाओं से कहा कि आप सब विकसित भारत के अमृत प्रसंग की सौभाग्यशाली पीढ़ी हैं, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजनरी नेतृत्व मिला है। उनकी दूरदर्शिता का प्रतिफल, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है, जो युवाओं को जीवन में सफलता की अनंत ऊँचाइयों को छूने और भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने का अवसर प्रदान करती है। 

समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भारत के ज्ञान कोष पर गर्व करें। शोध के माध्यम से इस ज्ञान को विश्व भर में प्रसारित कर दुनिया के कल्याण का उद्देश्य लेकर आगे बढ़े।

कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि एडमिरल श्री त्रिपाठी ने दीक्षांत उद्बोधन देते हुए उपस्थित विद्यार्थियों को 3 मूल मंत्र दिए। पहला कभी सीखना बंद न करें। निरंतर लर्निंग प्रोसेस को जारी रखें। दूसरा सक्सेस के लिए शॉर्ट कट्स न अपनाए एवं तीसरा पराजय को गरिमापूर्ण तरीके से स्वीकार करें, पराजय से सीखें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।

कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। समारोह में विशेष अतिथि वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार सहित विभिन्न संकायों के प्रमुख, विद्यार्थी और उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

Exit mobile version