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Real Estate: दिल्ली-NCR में संपत्ति का बाजार तेज हो गया, इन कारणों से हालत सुधार

Real Estate: दिल्ली-एनसीआर का संपत्ति बाजार अनसोल्ड इन्वेंट्री के चलते बदनाम था, लेकिन पिछले 6 सालों में ऐसे मकानों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है।

बीते कुछ सालों में, दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी बाजार में तेजी से सुधार हुआ है, क्योंकि नहीं बिक पाए मकानों के भंडार लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में नहीं बिक पाए मकानो के भंडार, यानी अनसोल्ड इन्वेंट्री, में आधे से ज्यादा की कमी आई है.

अब इतने मकान नहीं बिक पाए हैं

Property Counsellor Anarchy की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनसोल्ड इन्वेंट्री 2018 की पहली तिमाही में लगभग 2 लाख थी, लेकिन 2024 की पहली तिमाही में यह 86,420 पर गिर गया। ऐसे मकानों की संख्या पिछले 6 वर्षों में 57% घटी है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सबसे तेज सुधार

दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम में 33,326 मकानों की अनसोल्ड इन्वेंट्री है। ऐसे घरों की संख्या गुरुग्राम में पिछले छह वर्षों में 37% घटी है। ग्रेटर नोएडा में अनसोल्ड इन्वेंट्री में 18,668 घरों को बचाया गया है। यहां अनसोल्ड स्टॉक में लगभग सत्तर प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। नोएडा में नहीं बिक पाए मकानों की संख्या बीते 6 सालों में 71 फीसदी कम होकर 7,451 पर आ गई है.

दक्षिणी बाजारों की स्थिति

दिल्ली-एनसीआर में अनसोल्ड इन्वेंट्री कम होने की दर किसी भी अन्य बाजार से अधिक रही है। दक्षिणी बाजारों जैसे बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई में बिके हुए मकानों का स्टॉक सिर्फ 11% घट गया है। 2018 की पहली तिमाही में इन बाजारों में नहीं बिके मकानों की संख्या 1.96 लाख थी, लेकिन यह मार्च 2024 के अंत तक लगभग 1.76 लाख यूनिट रह गई।

यहां सबसे कम गिरावट आई

पूर्वी भारत के कोलकाता में खाली पड़े घरों की संख्या 49,560 से 41% घटकर 29,278 रह गई है। पश्चिमी भारत के पुणे और मुंबई महानगर क्षेत्र में अनसोल्ड इन्वेंट्री पिछले छह वर्षों में सबसे कम 8% घटी है। इन बाजारों में 2018 की पहली तिमाही तक 3 लाख 13 हजार 485 मकान नहीं बिके थे। मार्च 2024 तिमाही में इनकी संख्या कम होकर  2 लाख 89 हजार 677 तक गिर गई है।

इस कारण आया सबसे बड़ा फर्क

एनारॉक ग्रुप के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा कि डेवलपर्स की ओर से नए मकानों की कम सप्लाई, दिल्ली-एनसीआर में नहीं बिक पाए मकानों की तेजी से कमी का एक बड़ा कारण है। 2018 की पहली तिमाही से 2024 की पहली तिमाही के बीच दिल्ली-एनसीआर में लगभग 1.81 लाख नए घरों की बिक्री हुई है, जबकि बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई में 6.07 लाख यूनिट की बिक्री हुई है। इसी तरह, इस दौरान पश्चिमी राज्यों के पुणे और मुंबई में 8.42 लाख नए मकानों की सप्लाई हुई है.

 

 

 

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