Kashi Vishwanath Temple का पुराना इतिहास दिलचस्प है, जो गंगा के तट पर स्थित है।
Kashi Vishwanath Temple:वाराणसी को काशी के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ मंदिर पड़ा है क्योंकि यह काशी में स्थित है।
Kashi Vishwanath Temple: भारत में भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ है। यह प्राचीन मंदिर वाराणसी, उत्तर भारत में गंगा के तट पर है। इस मंदिर में ब्रह्मांड का देवता बाबा विश्वनाथ की पूजा की जाती है। वाराणसी को काशी (Kashi) के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ मंदिर पड़ा है क्योंकि यह काशी में है। इस मंदिर को मुस्लिम शासकों ने कई बार तोड़ा गया है, और इसी विध्वंस और पुनर्निर्माण की दिलचस्प कहानी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण और इतिहास
विश्वनाथ मंदिर हजारों साल पुराना है। यह कहा जाता है कि 11वीं शताब्दी में राजा हरीशचन्द्र द्वारा फिर से बनाया गया था। 1194 ई. में मुहम्मद गौरी ने इसे तोड़ दिया था, जिसके बाद इसका पुन: निर्माण कराया गया। 1447 ई. में जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाया था 11 वीं से 15 वीं सदी तक, मंदिर कई बार तोड़ा गया और फिर से बनाया गया।
1632 ईसवी में शाहजहां ने अपनी सेना को मंदिर को तोड़ने के लिए भेजा था, लेकिन उसकी सेना नहीं सफल हुई और 1669 में औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया। 1780 में मौजूदा मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ। कहा जाता है कि इस स्थान पर 125 सालों तक कोई मंदिर नहीं था। इस मंदिर को महरानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनाया था और यहां शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस, संत एकनाथ, महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद और गोस्वामी तुलसीदास आते थे।
वर्तमान में, काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा के तट पर खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी बीते दिन वाराणसी में लोकसभा चुनावों में नामांकन करने पहुंचे। PM ने काशी पहुंचकर छह किमी का रोड शो किया। प्रधानमंत्री बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर नामांकन करेंगे।