Standard Deduction: स्टैंडर्ड डिडक्शन पर बड़ा निर्णय ले सकती है सरकार, मिडिल क्लास को राहत देने के लिए

Standard Deduction: केंद्रीय सरकार न्यू टैक्स रिजीम को बढ़ावा दे रही है। इस साल से यह भी एक डिफॉल्ट ऑप्शन बन गया है। वित्त मंत्री अब इसे अधिक आकर्षक बना सकते हैं।

नियमित निकास: देश में एक नई सरकार की स्थापना होने के साथ ही बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई राज्यों और उद्योग संगठनों से चर्चा की है। समाचारों के अनुसार, इस बजट में आम लोगों को राहत देने के लिए वित्त मंत्रालय कई उपाय कर सकता है। इनमें इनकम टैक्स छूट के दायरे को 5 लाख रुपये करना और स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट में इजाफा करना शामिल हैं।

न्यू टैक्स योजना में बदलाव से मिडिल क्लास को राहत मिलेगी

सरकार न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो मध्यमवर्ग को बहुत राहत मिलेगी। यह आपकी कुल आय का वह भाग है जिस पर टैक्स नहीं लगता। स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट से सैलरीड क्लास टैक्स बचाता है। वह आयकर रिटर्न भरते समय इसका लाभ उठा सकता है। साथ ही, एम्प्लॉयर को बिल कलेक्ट करने से भी छुटकारा मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं करेगी।

फिलहाल स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये है

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मिडिल क्लास ने नरेंद्र मोदी सरकार को निरंतर समर्थन दिया है। ऐसे में सरकार इस बार के बजट में उन्हें लाभ देना चाहती है। मिडिल क्लास लगातार शिकायत करता है कि सरकार उन्हें हेल्थकेयर, एजुकेशन और इनकम टैक्स के क्षेत्रों में कुछ खास सहायता नहीं दे रही है। 2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन घोषित किया था। इस साल से नवीनतम टैक्स योजना निरस्त कर दी गई है। इस सिस्टम में 7 लाख रुपये की आय पर टैक्स छूट मिल जाती है.

कैपिटल गेन टैक्स से नहीं होगी छेड़छाड़

फिर भी, तीन लाख रुपये की सालाना आय वालों को 5% इनकम टैक्स देना होगा। Experts कहते हैं कि इसमें वृद्धि करने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। लेकिन इससे सरकारी आय में कुछ कमी होगी। रिपोर्ट के अनुसार, इस बजट में कैपिटल गेन टैक्स से छेड़छाड़ होती नहीं दिखाई दे रही है.

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