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CM Yogi Adityanath ने महाकुंभ में  हेलीकाप्टर से पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया, सड़कों पर खड़ी मिली गाड़ियों,  यह अपील श्रद्धालुओं से की

CM Yogi Adityanath भी महाकुंभ में शामिल हुए। इस दौरान पता चला कि पार्किंग खाली हैं और गाड़ी सड़क किनारे पार्क की गई है। ऐसे में लोगों से पैदल चलने और पार्किंग में ही गाड़ी खड़ी करने की अपील की है।

महाकुंभ में CM Yogi Adityanath भी उपस्थित थे। इस दौरान, उन्होंने हेलीकाप्टर से पूरे क्षेत्र को देखा। उस समय, सड़क किनारे खड़े वाहनों के बीच महाकुंभ के लिए बनाई गई पार्किंग खाली थी। वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर लोग संगम स्नान करने चले गए हैं। गाड़ी सड़क किनारे खड़ी रहने से जाम लगता है। CM Yogi Adityanath ने लोगों से अपील की कि वे अपने वाहनों को पार्किंग में रखकर सौ कदम पैदल चलेंगे, इससे सभी को राहत मिलेगी। CM Yogi Adityanath  ने कुंभ की आस्था और जलवायु परिवर्तन पर जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद इसे संबोधित किया। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

CM Yogi Adityanath ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के बारे में बोलते हुए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने लगता है। महाकुम्भ में भी यही स्थिति है। एरियल सर्वे ने पाया कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन सड़क पर हर व्यक्ति अपनी कार खड़ी करके संगम स्नान जा रहा है। यदि वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना कार पार्क करे तो शायद उसे 100 मीटर से अधिक पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कोई जाम नहीं होगा और वह आसानी से संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन की वजह से नदियां सूख रही हैं

CM Yogi Adityanath ने कहा कि 13 जनवरी से 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ लोगों ने मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी में अपनी आस्था की डुबकी लगाई है। 52 करोड़ लोगों को गंगा, यमुना और सरस्वती की कृपा से अविरल जल मिल रहा है। यहां डुबकी लगाने वालों को आध्यात्मिक ऊर्जा मिल रही है। वह अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में इस अनुभव को साझा कर रहा है, जिससे बहुत से लोग यहां आते हैं, जो इस पूरे कार्यक्रम को सफलता की नई ऊंचाई पर ले जाते हैं।

CM Yogi Adityanath का कहना था कि सबको मानना होगा कि जलवायु परिवर्तन कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण है। धरती माता की धमनियों की तरह बहने वाली नदियां सूख रही हैं, क्योंकि जलवायु परिवर्तन इसका कारण है। कल्पना कीजिए कि शरीर की रक्त धमनियां सूख गईं तो क्या होगा? अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।

मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है

CM Yogi Adityanath ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, इसलिए एक प्रयोग के प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। हमारी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में 210 करोड़ वृक्षारोपण किए हैं। वन विभाग द्वारा लगाए गए वृक्षों में से सत्तर-आठ प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है।

इसके लिए कानून बनाया गया है और कई कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज संगम में एक दिन में करोड़ों लोग इतना पावन स्नान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या पर हर दिन उतनी भीड़ होती है जितनी पहले कभी होती थी। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का विस्तार हुआ। संगम में हर समय दस से बारह हजार क्यूसेक जल की निरंतर उपस्थिति सुनिश्चित की गई।

जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए आम लोगों की भागीदारी अनिवार्य है

CM Yogi Adityanath ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, लेकिन हमें भी प्रयास करना चाहिए कि हम भी इसमें भागीदार बनें। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी।

एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें। इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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