दिल्ली की Mahila Samriddhi Yojana से किन महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा, तय तीन शर्तें समझिए

Mahila Samriddhi Yojana: भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली सरकार जल्द ही महिलाओं को आर्थिक सहायता देने वाली एक योजना शुरू करने जा रही है।

Mahila Samriddhi Yojana: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली सरकार जल्द ही महिलाओं को आर्थिक सहायता देने वाली एक योजना शुरू करने जा रही है। भाजपा सरकार ने चुनावी वादे के अनुसार ‘महिला समृद्धि योजना’ शुरू करेगी, जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रति महीने 2500 रुपये देंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों से कहा है कि वे योजना के लिए नियम बनाएं। इसके अलावा, सरकार इसके लिए आवश्यक धन की व्यवस्था करने में भी लगी हुई है।

महिला समृद्धि योजना के अध्ययन के दौरान, हमने भाजपा शासित अन्य राज्यों के कानूनों और प्रथाओं को जांचा। भाजपा की सरकारें दिल्ली से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में महिलाओं को धन देने की योजनाएं चला रही हैं। दिल्ली ने गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए योजनाओं का वादा किया है, और इन राज्यों में भी गरीब परिवारों की महिलाओं को सहायता दी जा रही है। दिल्ली की परिस्थितियां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा की तरह हो सकती हैं।

परिवार की आमदनी वाली शर्त

जिन महिलाओं के परिवारों की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, वे मध्य प्रदेश की लाडली बहना, छत्तीसगढ़ की महतारी वंदना और ओडिशा की सुभद्रा योजनाओं का लाभ ले सकती हैं। दिल्ली में भी परिवार की एक निश्चित आय निर्धारित की जाएगी, जिसका लाभ सिर्फ महिलाओं को मिलेगा। दिल्ली में, हालांकि, यह सीमा 2.5 लाख रुपए से अधिक हो सकती है। इसका कारण दिल्ली की औसत वार्षिक आय 4.6 लाख रुपये से अधिक है।

परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी न हो

छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना में एक और शर्त है कि परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय या प्रथम, द्वितीय या तृतीय वर्ग का कर्मचारी नहीं हो। ओडिशा में भी, सुभद्रा योजना का लाभ उन महिलाओं को नहीं मिल रहा है जो खुद या उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है या रिटायर्ड है। साथ ही, मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना में महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया है जो सेवानिवृत्ति उपरांत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं या भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी शासकीय विभाग, उपक्रम, मण्डल, स्थानीय निकाय में नियमित, स्थाई या संविदाकर्मी के रूप में नियोजित हैं। दिल्ली में भी यह शर्त लागू होगी।

परिवार में कोई इनकम टैक्सपेयर नहीं हो

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तीनों राज्यों में महिला स्वयं या उसके परिवार का कोई सदस्य इनकम टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए। दिल्ली में भी यह संभव है।

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