Union Minister Manohar Lal ने कहा कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला ने हरियाणा को विश्व पटल पर नई पहचान दी है।

केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री Manohar Lal ने कहा कि सूरजकुंड मेले को शिल्प और कला का महाकुंभ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसमें लाखों लोगों की रिकार्ड भीड़ और कलाकारों का जमावड़ा शामिल है।

केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री Manohar Lal ने कहा कि सूरजकुंड मेले को शिल्प और कला का महाकुंभ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसमें लाखों लोगों की रिकार्ड भीड़ और कलाकारों का जमावड़ा शामिल है। यह मेला सिर्फ सामान बेचने का स्थान नहीं है; यह हरियाणा की समृद्ध संस्कृति, खानपान और परिधान को भी दिखाता है। यहां आकर मिनी भारत दिखाई देता है। सूरजकुंड शिल्प मेला हरियाणा की पहचान और देश की शान है।

38वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री Manohar Lal ने भाषण दिया। उनका कहना था कि वे 2014 में 28वें सूरजकुंड मेले से इस उत्सव में लगातार भाग लेते रहे हैं। 11वीं बार यह मेला उनका आगमन है। 2015 में पहली बार सूरजकुंड मेले में 20 देशों ने भागीदारी की। उनकी संख्या अब 44 है। सूरजकुंड शिल्प मेला और कुरूक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह ने हरियाणा को विश्वस्तर पर सम्मानित किया है।

Manohar Lal का कहना था कि मेला और कला मनुष्य जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। सूरजकुंड मेले में आप दक्षिण भारत की इडली डोसा और हरियाणा की खाट के ठाठ का स्वाद ले सकते हैं। इससे हरियाणा की संस्कृति दुनिया भर में फैलती है। यह मेला देश की अखंडता और एकता को बढ़ा रहा है। जारों-लाखों कला प्रेमी यहां एक स्थान पर एकत्रित होते हैं। वास्तविक कलाकार ही कला का अर्थ समझ सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रकृति के हर रूप में कला होगी। सबसे बड़ा कलाकार वो भगवान है, जिन्होंने इस सुंदर सृष्टि की रचना की। जीव-जंतुओं में भी आप कला के दर्शन कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर मकड़ी का बनाया जाला, बया का घोंसला कोई मनुष्य नहीं बना सकता।

केंद्रीय मंत्री Manohar Lal ने इससे पहले कला एवं सांस्कृतिक विभाग की धातु चित्रों की आर्ट गैलरी, ओडिशा और मध्य प्रदेश की पवेलियन और ऐतिहासिक सूरजकुंड का निरीक्षण किया। मुख्य अतिथि के समक्ष माल रोड से निकली चमचमाती हुई कार्निवल में विभिन्न देश-प्रदेशों से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। हरियाणा के पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा, राजस्व मंत्री श्री विपुल गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री राजेश नागर, विधायक श्री धनेश अदलखा ने सतीश फागना का पगड़ी पहनाकर सम्मान किया।

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