पेयजल समस्या को लेकर Vasundhra Raje ने अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा, “अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं।”

 Vasundhra Raje ने पेयजल की कमी की शिकायतों पर कहा, ‘अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिया है। पाई-पाई का हिसाब दो।’

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री Vasundhra Raje ने अपने विधानसभा क्षेत्र झारलापाटन का दौरा किया। इस दौरान पेयजल संकट की शिकायत मिलने पर वे अधिकारियों पर बिफर पड़ीं। उन्होंने कहा कि अफ़सर सो रहें है और लोग रो रहें हैं। उन्होंने कहा कि क्या प्यास जनता को नहीं, सिर्फ़ अफ़सरों को ही लगती है?

अधिकारी की ली क्लास

जब Vasundhra Raje झालरापाटन के रायपुर कस्बे में पहुंचीं, लोगों ने पेयजल की कमी पर चर्चा की। जनजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों ने पेयजल संकट की शिकायत पर वसुंधरा राजे को अच्छी तरह से समझाया। “क्या जनता को प्यास नहीं लगती?” उन्होंने पूछा। सिर्फ आपके कारण अधिकारियों को प्यास लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है और अफ़सर तृप्त हैं।’

पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों में पहुंचे

“पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे”, Vasundhra Raje ने कठोरता से कहा। जबकि कर्मचारी सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। ऐसा नहीं होने देंगे। उनका दावा था कि प्रधानमंत्री ने 42 हजार करोड़ रुपये जल जीवन मिशन में खर्च किए हैं। पाई-पाई हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से में आपने क्या खर्च किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं कर रहे हैं। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है।

धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।

वसुंधरा राजे ने कहा- यह तो अप्रेल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा? वसुंधरा राजे के इस सवाल पर अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह झा सहित वहां मौजूद कोई अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया तो उन्होंने साफ़ कहा कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। यहां ऐसा हरगिज नहीं चलेगा। वसुंधरा राजे के बेटे व झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह भी उनके साथ थे। इसके बाद वसुंधरा राजे ने कड़ोदिया गांव में सीएचसी भवन व मथानिया में पीएचसी भवन का उद्घाटन किया।

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