सतगुरु राम सिंह का विचार: संधवां

लुधियाना, 16 फरवरी (निस)

श्री सतगुरु राम सिंह जी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और देश को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मार्गदर्शन दिया. उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ गैर-सैन्य आंदोलन शुरू किया। सत्य, सत्याग्रह और अहिंसा के मूल्यों को उन्होंने बचाया और अपनाकर देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। समाज को सुधारने के लिए सतगुरु राम सिंह के विचार को मानना चाहिए। यहां से 30 किलोमीटर दूर पंजाब सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सतगुरु राम सिंह जी की 208वीं जयंती पर ये विचार व्यक्त किए। सतगुरु उदय सिंह विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री संधवां ने कुका शहीदों के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि श्री सतगुरु राम सिंह ने बहादुर क्रांतिकारियों को बनाया, जो अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराने के लिए बंदूकों के सामने खड़े होकर अपनी जान दे दी।

उनका दावा था कि अंग्रेजों ने मालेरकोटला में छह छह नामधारी सिंहों को मार डाला था, और कई नामधारी सिंहों को लुधियाना, रायकोट और अमृतसर में सार्वजनिक रूप से मार डाला गया था। उनका कहना था कि नामधारियों ने आजादी की लड़ाई में बहुत कुर्बानियां दीं, जो कभी नहीं भूला जा सकतीं। उन्होंने कहा कि नामधारी सतगुरु राम सिंह जी ही थे जिन्होंने अंग्रेजों और उनके द्वारा दिए गए सुख-सुविधाओं का पूरी तरह से बहिष्कार किया।

Exit mobile version