CM Mohan Yadav ने कोलार रोड क्षेत्र में किया इस्कॉन के श्री श्री राधा गोविंद मंदिर का भूमि-पूजन

CM Mohan Yadav: प्रकृति से प्रेम, संस्कृति का सम्मान और मित्रता का महत्व प्रतिपादित करते है भगवान श्रीकृष्ण

CM Mohan Yadav ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति से प्रेम और ग्राम संस्कृति को सम्मान देने की शिक्षा दी है। राज दरबार में सोने-चांदी और मोती माणिक्य के बीच मोर पंख को अपने शीश पर धारण कर सम्मान प्रदान करना प्रकृति से प्रेम का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण का यह भाव बताता है कि मनुष्य मात्र से प्रेम ही प्रभु प्राप्ति का सच्चा मार्ग है। भगवान श्रीकृष्ण का सुदामा को सम्मान देना, जीवन में मित्रता के महत्व और मित्र के सम्मान के लिए प्रतिबद्धता को प्रतिपादित करता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रसंगों से हमें कई व्यावहारिक शिक्षाएं प्राप्त होती हैं। CM Mohan Yadav कोलार रोड क्षेत्र में मानसरोवर डेंटल कॉलेज के पास इस्कॉन द्वारा बनाए जा रहे श्री श्री राधा गोविंद मंदिर के भूमि पूजन के बाद उपस्थित जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे।इस अवसर पर विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, इस्कॉन के मध्यप्रदेश प्रमुख गुरु प्रसाद स्वामी महाराज तथा सचिव महामन प्रभु उपस्थित थे।कार्यक्रम में बताया गया कि यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर होगा।

CM Mohan Yadav ने क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर स्थापना की पहल की सराहना करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण, लोगों पर सुख-आनंद, वैभव और उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। CM Mohan Yadav ने कोलार रोड से इस्कॉन मंदिर को जोड़ने वाले मार्ग का नाम प्रभुपाद मार्ग रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत की सभी दिशाओं में प्रभु श्री राम और भगवान श्रीकृष्ण की उपस्थिति की सहज ही अनुभूति होती है। विश्व में भी वर्षों से भारत, भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण की धरती के रूप में जाना जाता है, मंदिर निर्माण भगवद्भाव के साकार रूप लेने का माध्यम है। CM Mohan Yadav ने कहा ऐसी कामना है कि भूमि-पूजन के बाद मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के प्रकटीकरण और मंदिर के लोकार्पण का अवसर शीघ्र ही आएगा, ।

CM Mohan Yadav ने विश्व में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और सात्विक जीवन प्रणाली के प्रसार में प्रभु पाद के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन विचारों के अनुरूप ही राज्य सरकार, मद्यनिषेध की दिशा में कार्य कर रही है, इसीलिए प्रदेश के 17 स्थानों में शराबबंदी की व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ सहयोग से दुग्ध उत्पादन 9% से 20% तक ले जाने की कार्य योजना का क्रियान्वयन जारी है। यह प्रयास हमारी मूल संस्कृति की ओर लौटने के लिए किया जा रहा है। इससे खेती और पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और दूध की पौष्टिकता से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने में सहयोग मिलेगा।

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