Honorable Supreme Court के निर्णयों का अनुपालन

Honorable Supreme Court

माननीय उच्चतम न्यायालय ने लाफार्ज उमियम माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के मामले में दिनांक 06.07.2011 के निर्णय द्वारा भारत संघ की ओर से अनुपालन किए जाने के संबंध में कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। मंत्रालय ने दिनांक 09/09/2011 के कार्यालय ज्ञापन में पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) के लिए वन भूमि से जुड़ी परियोजनाओं पर विचार करने को लेकर अपनाई जाने वाली विस्तृत प्रक्रिया का उल्लेख किया है।

यह निर्णय लिया गया कि वन (संरक्षण और संवर्धन) अधिनियम- 1980 के तहत वन भूमि के अपवर्तन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी के बिना पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) नहीं दी जाएगी, जिससे विफल होने की स्थितियों से बचा जा सके। इसके लिए मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। पर्यावरण संरक्षण और गैर-वनीय प्रयोजन के लिए वन भूमि के अपवर्तन के प्रस्तावों को परिवेश पोर्टल पर ऑनलाइन कार्रवाई की जाती है और प्रस्ताव संबंधी दस्तावेज उक्त पोर्टल पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं। हर एक क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति के गठन का प्रावधान किया गया। निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) विकसित की गई है और उसे परिचालित भी कर दिया गया है। डीएसएस प्रणाली में वन आवरण की भू-संदर्भित परतें, वन प्रकार, जैविक समृद्धि, भूदृश्य अखंडता, संरक्षित क्षेत्र, बाघ अभयारण्य व गलियारे, निवल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) की जीआईएस परतें, हाइड्रोलॉजिकल परतें शामिल हैं। डीएसएस, एक निर्णय लेने वाला उपकरण है, जो वन (संरक्षण और संवर्धन) अधिनियम- 1980, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम- 1986 और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम- 1972 के तहत मंत्रालय को प्राप्त विभिन्न प्रस्तावों/आवेदनों के शीघ्र निपटान को प्रभावी ढंग से सुविधाजनक बना रहा है।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टोपो-शीट में उल्लिखित ग्रीनवाश क्षेत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर परिवेश पोर्टल में डाटाबेस तैयार किया गया है। इसे वन (संरक्षण और संवर्धन) अधिनियम- 1980 के तहत प्रस्तावों के विश्लेषण के लिए भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) के बनाए गए वेब-जीआईएस आधारित निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) पोर्टल में शामिल किया गया है।

यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्तवर्धन सिंह ने आज राज्य सभा में एक लिखित जवाब में दी।

SOURCE: https://pib.gov.in

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