2024 लोकसभा चुनावों की मतगणना: करनाल, रोहतक और विधानसभा उपचुनाव का निर्णय भी आएगा

2024 लोकसभा चुनावों की मतगणना: इस बार, राज्य की सबसे हॉट सीट करनाल पर सबका ध्यान है। सवा नौ वर्षों से अधिक समय तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल इस क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने उनके मुकाबले यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनाव लड़वाया। वहीं, एनसीपी के मराठा वीरेंद्र वर्मा इनेलो से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह से रोहतक संसदीय सीट भी प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार है। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र हैं, वे लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। दीपेन्द्र रोहतक ने जीत की हैट्रिक लगा चुके है। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने भाजपा के अरविंद शर्मा के हाथों करीब साढ़े 7 हजार मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे।उनका मुकाबला इस बार भी अरविंद शर्मा था। सिरसा से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को कांग्रेस ने चुनाव जीता। डॉ. अशोक तंवर, जो पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं, सिरसा से भाजपा के टिकट पर कुमारी सैलजा के सामने चुनाव लड़ रहे हैं। सिरसा में आमने-सामने की टक्कर चुनावों के दौरान बनी रही। दो बार सिरसा और दो बार ही अंबाला से सांसद रह चुकीं कुमारी सैलजा ने एक बार फिर सिरसा का मैदान चुना।

हिसार में संबंध दांव पर थे

इस बार हिसार सीट का चुनाव बहुत दिलचस्प रहा। चौ देवीलाल के बेटे चौ रणजीत सिंह ने भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा। देवीलाल परिवार की दो बहुएं, जजपा से नैना चौटाला और इनेलो से सुनैना चौटाला, अपने चाचा ससुर को चुनौती देती नजर आईं।कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ ने रणजीत सिंह को टक्कर दी।

मनोहर केंद्र में जाएगा

2014 में, करनाल से पहली बार विधायक बनने वाले मनोहर लाल ही पूर्ण बहुमत वाली सरकार का मुख्यमंत्री बन गए। प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका था जब भाजपा 47 सीटों के साथ बहुमत से सत्ता में आई। भाजपा इससे पहले केवल गठबंधन में सत्ता में रही थी। 2019 में मनोहर लाल ने अपनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर चुनाव जीता। 12 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 13 मार्च को ही उन्हें करनाल लोकसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया। अब मनोहर अब मोदी की टीम में काम करेंगे। उनका केंद्र में जाना तय है।

सोनीपत में टकराए दो ब्राह्मण

कांग्रेस अक्सर सोनीपत संसदीय सीट से जाट उम्मीदवार चुनता है। भाजपा ने राई विधायक मोहनलाल बड़ौली को ब्राह्मण कोटे से टिकट देकर मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काट दिया। कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग अपनाते हुए यहां से जींद के गांगोली गांव के सतपाल ब्रह्मचारी (ब्राह्मण) को टिकट दिया। दोनों पक्षों से ब्राह्मण उम्मीदवार मैदान में आने से मुकाबला कठिन हो गया। सोनीपत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाला एरिया माना जाता है।ऐसे में हुड्डा की राजनीतिक स्थिति भी इस सीट पर निर्भर करेगी। 2019 में हुड्डा ने खुद सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के रमेश चंद्र कौशिक के हाथों हार गए थे।

गुर्जरों में पहली बार भिड़ंत

2014 से ही फरीदाबाद संसदीय सीट पर दोनों प्रमुख दलों, भाजपा और कांग्रेस के गुर्जर नेताओं के बीच संघर्ष जारी है। लेकिन यह पहला चुनाव था जिसमें कांटे की टक्कर देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पूर्व मंत्री व पांच बार विधायक महेंद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस ने चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव में दोनों ही गुर्जर दिग्गजों के बीच आमने-सामने का मुकाबला देखने को मिला। अब नतीजों से तय होगा कि इस बार कौन सा गुर्जर मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहा।

कुरूक्षेत्र में महाभारत

20 साल बाद नवीन जिंदल और अभय सिंह चौटाला एक बार फिर कुरूक्षेत्र सीट पर आमने-सामने हैं. जिंदल इस बार कांग्रेस के बजाय बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इंडिया गठबंधन से आम आदमी पार्टी प्रमुख सुशील गुप्ता और नवीन जिंदल के बीच कड़ी टक्कर है। इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अभय सिंह चौटाला ने यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया. इस सीट पर जाट, सिख और एससी मतदाताओं ने मुकाबले को दिलचस्प बनाया।

अंबाला में दिग्गजों की साख का सवाल

अंबाला में सरकार की सीटों में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. यह सीएम नायब सिंह सैनी का गृहनगर है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पंचकुला से सांसद हैं. कृषि मंत्री कंवर पाल गुर्जर जगाधरी से और परिवहन मंत्री असीम गोयल अंबाला से सांसद हैं। पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विजय अंबाला कैंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यमुनानगर से बीजेपी के घनश्‍याम दास अरोड़ा विधायक हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं. मौलाना से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी. इस सीट पर मुकाबला अभी भी रोमांचक है.

 

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