Mohinder Bhagat: पंजाब में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रीलिंग और कोकून भंडारण इकाइयां स्थापित की जाएंगी

मंत्री Mohinder Bhagat ने विभागीय गतिविधियों पर समीक्षा बैठक की

Mohinder Bhagat: पंजाब में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने और रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य में रीलिंग और कोकून स्टोरेज यूनिट स्थापित की जाएंगी। रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए शुरू किए जाने वाले मिशन “हर घर रेशम” के तहत पठानकोट और गुरदासपुर प्रमुख जिले होंगे। यह बात बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने गुरुवार को पंजाब सिविल सचिवालय में बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पंजाब सरकार रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने और रेशम कीट पालकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव बागवानी श्री अनुराग वर्मा और बागवानी निदेशक श्रीमती शैलेंदर कौर मौजूद थीं।

इस अवसर पर बताया गया कि 4 से 9 दिसंबर 2024 तक चंडीगढ़ के किसान भवन में रेशम प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना तथा रेशम कीटपालकों की आय में वृद्धि करना है। केंद्रीय रेशम बोर्ड ने भी आगामी वर्षों में इस पहल के लिए सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।

श्री मोहिंदर भगत ने आगे बताया कि पंजाब सरकार के प्रयासों और एचडीएफसी बैंक की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड स्कीम (सीएसआर) के सहयोग से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले किसानों को रेशम कीट के बीज के लिए सहायता प्रदान करने के लिए 14.82 लाख रुपये के बजट के साथ एक पहल शुरू की गई है। इससे रेशम उत्पादन में किसानों की रुचि बढ़ेगी और किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इस योजना में किसानों को रेशम कीट बीज सामग्री प्रदान करना शामिल है, जो इस उद्योग को और बढ़ावा देगा। सीएसआर कार्यक्रम के तहत, एचडीएफसी बैंक रीलिंग यूनिट की स्थापना के लिए 51.17 लाख रुपये का अनुदान देगा, जो कोकून से रेशम धागे का उत्पादन करने में मदद करेगा। इस इकाई से आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और किसानों के लिए पर्याप्त लाभ होगा।

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार की चरणबद्ध योजना क्लस्टर दृष्टिकोण को बढ़ावा देगी, जिसमें किसानों को कृषि व्यवसाय उद्यमी बनने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके समर्थन के लिए, अंतरराज्यीय अध्ययन दौरे आयोजित किए जाएंगे, जिसमें एचडीएफसी बैंक का सीएसआर कार्यक्रम आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। यह पहल रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने और पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बैठक में बागवानी उपनिदेशक श्री हरमेल सिंह, बागवानी विकास अधिकारी बलविन्द्रजीत कौर, रेशम पालन संवर्धन अधिकारी मीनू सिडाना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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