पंजाब के Finance Minister Harpal Singh Cheema ने एयर टरबाइन ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का कड़ा विरोध किया

Finance Minister Harpal Singh Cheema ने कहा कि इस निर्णय से पेट्रोलियम उत्पादों को वैट से जीएसटी में बदलने का रास्ता खुल जाएगा।

Finance Minister Harpal Singh Cheema: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के एजेंडे का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने से पेट्रोलियम उत्पादों को मूल्य वर्धित कर (वैट) से हटाने का रास्ता साफ हो जाएगा। उन्होंने यह चिंता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक के दौरान जताई।

वित्त मंत्री Harpal Singh Cheema ने आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा कि यह फैसला जीएसटी व्यवस्था के कारण पहले से ही नुकसान झेल रहे राज्यों के लिए नुकसानदेह होगा। Harpal Singh Cheema ने बताया कि पंजाब ने एयर टर्बाइन ईंधन पर वैट के रूप में वित्त वर्ष 2022-23 में 113 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023-24 में 105 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक 75 करोड़ रुपये कमाए हैं।

वित्त मंत्री Harpal Singh Cheema ने जीएसटी व्यवस्था के कार्यान्वयन के कारण राज्य को हुए 20,000 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि एक बार पेट्रोलियम उत्पादों को वैट से जीएसटी में बदलने का दरवाजा खुल जाने पर राज्यों को असहनीय वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर पंजाब का वैट संग्रह काफी अच्छा रहा है, वित्त वर्ष 2022-23 में डीजल पर 3,600 करोड़ रुपये और पेट्रोल पर 1,800 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023-24 में डीजल पर 4,400 करोड़ रुपये और पेट्रोल पर 2,300 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक डीजल पर 3,400 करोड़ रुपये और पेट्रोल पर 2,000 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है। वित्त मंत्री चीमा ने जोर देकर कहा कि यह वैट संग्रह राज्यों की वित्तीय सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।

नकारात्मक आईजीएसटी निपटान’ के मुद्दे पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था राज्यों पर अचानक बोझ डालती है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्यों का हिस्सा तय करने के लिए पिछले वर्ष के बजाय 2015-16 को आधार वर्ष मानने का आग्रह किया। इसके अलावा, चीमा ने मुआवजा उपकर को एक सतत प्रक्रिया बनाने की वकालत की, इसे पूंजीगत व्यय से जोड़ा जाना चाहिए ताकि राज्य अपने बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकें।

पंजाब ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने के लिए माल की अंतर-राज्यीय आवाजाही पर आपदा उपकर की दर को 1 प्रतिशत तक बढ़ाने की आंध्र प्रदेश की मांग का भी पुरजोर समर्थन किया है। पंजाब के वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों की मदद के लिए इसे निरंतर जारी रखना चाहिए। इस बीच, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी पंजीकरण प्रक्रिया में किए जा रहे बदलावों का स्वागत करते हुए कहा कि इन उपायों से फर्जी डीलरों के प्रसार पर काफी हद तक लगाम लगेगी।

इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री चीमा ने जीएसटी परिषद के ध्यान में लाया कि जीएसटी अधिनियम की धारा 13(8) के खंड (बी) को हटाने से विदेशी ग्राहकों की ओर से प्रदान की जाने वाली मध्यस्थ सेवाएं छूट के दायरे में आ जाएंगी, जिन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। परिषद ने इस एजेंडा आइटम को आगे के विचार-विमर्श के लिए स्थगित कर दिया है। पंजाब द्वारा असहमति जताए जाने के बाद स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर छूट प्रदान करने का एजेंडा भी स्थगित कर दिया गया है।

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