Vice President Jagdeep Dhankhar: राष्ट्रवाद के साथ समझौता, देश के साथ चरम धोखा

Vice President Jagdeep Dhankhar: शिक्षा बदलाव का केंद्र है

  • आज का भारत वह नहीं है जो दस साल पहले था – उपराष्ट्रपति
  • पीएम देश को एक ऐसे मार्ग पर ले जा रहे हैं जिसे पूरा विश्व पहचानता है- उपराष्ट्रपति धनखड़
  • मेरा जन्म किठाना गांव में हुआ, लेकिन मेरा असली जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ था- श्री धनखड़
  • देश के लिए एक मानक स्थापित कर, भावी पीढ़ियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा सैनिक स्कूल गोरखपुर, – उपराष्ट्रपति
  • सफलता की नींव है असफलता, उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल के कैडेटों से कहा
  • उपराष्ट्रपति ने आज उत्तर प्रदेश में सैनिक स्कूल गोरखपुर का उद्घाटन किया

माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज नागरिकों को राष्ट्रवाद पर समझौता करने के खिलाफ़ सावधान करते हुए इसे “राष्ट्र के साथ चरम धोखा” करार दिया। उन्होंने कहा, “जहां भी कोई राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह उठाएगा तो हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना है।”

उपराष्ट्रपति ने यह रेखांकित करते हुए कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को हमेशा स्वार्थ और राजनीतिक हित से ऊपर रखना चाहिए, उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने में विफलता भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यतागत विरासत पर हमला होगा।

उत्तर प्रदेश में आज सैनिक स्कूल गोरखपुर के उद्घाटन पर मुख्य भाषण देते हुए, उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में अपने छात्र जीवन के दिनों को याद किया, और उनके जीवन को आकार देने में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “मेरा जन्म ग्राम किठाना में हुआ था पर मेरा असली जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ था।”

परिवर्तन के सबसे प्रभावशाली माध्यम ‘शिक्षा’ के महत्व पर ज़ोर देते हुए, श्री धनखड़ ने इसे व्यक्तियों के जीवन में नियंत्रण करने के लिए महत्वपूर्ण बताया साथ ही उन्होंने समाज में व्यापक रूप से फैली असमानता और कुरीतियों को समाप्त करने में भी शिक्षा की अहम भूमिका को उजागर किया।

आज वैश्विक मंच पर भारत की विशिष्ट पहचान की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए, उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के योगदान को स्वीकार किया जो “देश को एक ऐसे मार्ग पर ले जा रहे हैं जिसे पूरा विश्व पहचानता है।” श्री धनखड़ ने कहा, “आज का भारत वह नहीं है जो दस साल पहले था।

अनुच्छेद 370, जिसे संविधान निर्माताओं ने अस्थायी कहा था, उसे कुछ लोग स्थायी मान बैठे थे। इस दशक में उसको विलुप्त कर दिया गया है। यह आज का भारत है।”

गोरखपुर में नए सैनिक स्कूल की स्थापना पर सराहना व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह स्कूल भावी पीढ़ियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। श्री धनखड़ ने विस्तार से बताया, “यह अन्य राज्यों तथा पूरे देश के लिए एक मानक स्थापित करेगा।”

सुशासन और कानून के शासन को बनाए रखने में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा, “देश में बह रही विकास की गंगा में उत्तर प्रदेश की निरंतर भागीदारी राष्ट्र निर्माण में एक बड़ा योगदान दे रही है।”

कैडेटों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उन्हें अपने मन से डर के डर को मिटाने का आग्रह किया। चंद्रयान-3 की सफलता चंद्रयान-2 से मिले सबक पर आधारित थी, इस बात का वर्णन करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “असफलता सफलता के शुरुआती केंद्र है।”

अपनी यात्रा के दौरान, श्री जगदीप धनखड़ और डॉ. सुदेश धनखड़ ने अपनी दिवंगत माताओं, श्रीमती केसरी देवी और श्रीमती भगवती देवी की स्मृति में नव उद्घाटित सैनिक स्कूल गोरखपुर के परिसर मेंपौधारोपण किया । उन्होंने परिसर में शूटिंग रेंज का भी उद्घाटन किया।

इस अवसर पर श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री; श्री कमलेश पासवान, राज्य मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार; श्री रवि किशन शुक्ला, सांसद, लोकसभा; श्रीमती गुलाब देवी, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

source: https://pib.gov.in

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