Haryana news:भाजपा सरकार के सामने आया खतरा! दुष्यंत का विपक्ष को समर्थन, फ्लोर टेस्ट की मांग

Haryana news: हरियाणा सरकार के तीन विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इससे लगता है कि सरकार अल्पमत में है। वहीं, जजपा और कांग्रेस फ्लोर टेस्ट या सीएम इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।

हरियाणा की भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है। इन विधायकों ने कांग्रेस का पक्ष लिया है। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए विधायक धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलेन और सोमबीर सांगवान ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया। कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी इस दौरान उपस्थित थे। इन व्यक्तियों के समर्थन वापस लेने के बाद से ही विपक्ष उत्साहित है और फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहा है। इसकी वजह यह है कि 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास 40 ही विधायक हैं।

नयनपाल रावत और राकेश दौलताबाद, दो निर्दलीय विधायक हैं, जो नायब सिंह सैनी सरकार का समर्थन करते हैं। भाजपा के साथ गोपाल कांडा भी हैं। राज्य में दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इससे सदन की संख्या सिर्फ 88 रहती है, और बहुमत साबित करने के लिए 45 का समर्थन चाहिए। भाजपा ने दो विधायक खो दिए हैं। यही कारण है कि जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला, जो हाल ही में भाजपा से अलग हो गया है, भी विश्वास मत प्रस्ताव की मांग कर रहे हैं। नायब सिंह सैनी सरकार ने हाल ही में फ्लोर टेस्ट पास किया है, विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है। 6 महीने से पहले दोबारा नहीं कराया जा सकता।

वहीं दुष्यंत चौटाला क्रोधित हो गए हैं। उनका कहना है कि हम विपक्ष के नेताओं को समर्थन देंगे अगर वे भाजपा की सरकार को गिरा देंगे। नायब सैनी को बहुमत साबित करना चाहिए या नैतिक रूप से इस्तीफा देना चाहिए। उनका शासन अल्पमत में है। साथ ही, दिग्विजय चौटाला ने भूपिंदर सिंह हुड्डा से सरकार बनाने का दावा पेश करने की मांग की है। जजपा के विधायक और कुछ निर्दलीय लोग कांग्रेस का समर्थन करेंगे। ऐसे में हरियाणा में बाजी पलट भी सकती है, लेकिन स्पीकर भाजपा सरकार को बचाने के लिए तकनीक की कमी का हवाला दे सकते हैं।

भूपिंदर सिंह हुड्डा ने दुष्यंत पर भरोसा करने के लिए एक शर्त रखी

कांग्रेस नेता सतर्क हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि भाजपा भी खेल सकती है। यही कारण है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा ने जजपा से अनुरोध किया है कि वे गवर्नर को पत्र लिखें और घोषणा करें कि वे भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे। यदि हम ऐसा करते हैं तो हम फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे। अगर भाजपा की बी टीम जजपा के साथ नहीं है, तो उन्हें गवर्नर को तुरंत पत्र लिखना चाहिए। वास्तव में, जजपा के दस में से पांच विधायक भाजपा से संपर्क में हैं।

Exit mobile version